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'दया नायक' की फिर हुई पुलिस फोर्स में बहाली, नाम सुनते ही कांपने लगते हैं गुंडे

Special News Coverage
12 Jan 2016 12:46 PM GMT

Encounter specialist Daya Nayak


मुंबई : मुंबई पुलिस के निलंबित सब इंस्पेक्टर और प्रसिद्ध 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' दया नायक की सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। फिलहाल उनकी पोस्टिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। आपको बता दें दया नायक के उपर अंडरवर्ल्ड से रिश्ते रखने और अपार संपत्ति रखने को लेकर आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

क्यों हुए थे निलंबित ?
नायक को 2006 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पत्रकार केतन तिरोडकर की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार भी किया था और वह तब भी सस्पेंड हुए थे। उस समय उनपर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने के भी आरोप लगे। एसीबी ने जांच की लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

इसके बाद उन्हें नागपुर में पोस्टेड किया गया था, लेकिन उन्होंने पदभार नहीं संभाला इसके चलते उन्हें हटा दिया गया था। दया ने दलील दी कि पोस्टिंग को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने उन्हें निलंबित कर दिया। गौरतलब है कि 1995 बैच के पुलिस अफसर दया नायक ने 85 के करीब गुंडों को मुठभेड़ में मार गिराया है।

दया नायक के किरदार को कई बार फिल्मी पर्दे पर भी उतारा गया। बॉलीवुड में इनपर कई फ़िल्में बनाई गईं। कई टीवी सीरियल में भी इनके नाम के किरदार नज़र आते रहे।

कौन हैं दया नायक ?
कर्नाटक में जन्मे दया की स्कूली पढा़ई कन्नड़ में हुई। दया सातवीं कक्षा तक कन्नड़ स्कूल में पढ़े। आर्थिक स्थिति बिगड़ने के बाद दया सन 1979 में मुंबई आए। उनके सपने बड़े थे। इसके लिए उन्होंने शुरूआती नौकरी के तौर पर एक होटल में काम किया।

होटल का मालिक दया को मेहनताना दिया करता था। उन्होंने ही दया को ग्रैजुएशन तक पढ़ाया। पुलिस की नौकरी लगने के पहले तक दया ने आठ साल होटल में काम किया। वहीं, कुछ समय तक उन्होंने 3000 रुपए प्रति माह पर प्लम्बर की नौकरी भी की थी।

प्लम्बरिंग के काम के दौरान ही दया नायक की मुलाकात नारकोटिक्स विभाग के कुछ अधिकारियों से हुई। बस इसी मुलाकात में दया को यूनीफार्म का शौक पैदा हो गया और १९९५ में दया जुहू में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर नियुक्त किए गए। यही वो दौर था जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड सक्रिय था और सड़कों पर गैंगवार आम बात हुआ करती थी। बस इसके बाद से ही नायक की रफ्तार इतनी तेज हो गई कि फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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