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पाक धर्मगुरु ने पूछा, क्या भारत - पाक हमेशा दुश्मन बने रहना चाहते हैं
Special News Coverage
21 March 2016 8:18 AM GMT
पाकिस्तानी धर्मगुरु और राजनेता मोहम्मद ताहिर उल कादरी
नई दिल्ली : पाकिस्तानी धर्मगुरु और राजनेता मोहम्मद ताहिर उल कादरी ने रविवार को वर्ल्ड सूफी फोरम में भारत-पाकिस्तान के संबंधों को सुधारने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान का कॉमन दुश्मन है।
नई दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे विश्व सूफी सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे कादरी ने इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में सूफी मत को शांति का एक जरिया बताते हुए इसकी अहम भूमिका पर जोर दिया। मालूम हो कि कनाडा में रहने वाले कादरी पाकिस्तान के पिछले चुनाव में मुल्क वापस लौटे थे। वह एक राजनेता और सूफी दर्शन के जाने-माने इस्लामिक विद्वान हैं।''
विश्व सूफी सम्मेलन में बोलते हुए रविवार को कादरी ने कहा, 'लोग दुश्मन नहीं हैं। यह लड़ाई खत्म होनी होगी और यह तभी मुमकिन है जब सरकारें अपना बजट शांति कायम करने और गरीबी हटाने पर खर्च करेंगी। इंसानियत पर ध्यान देकर ही हम आतंकवाद को मिटा सकते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं भारत और पाकिस्तान की सरकारों से अपील करना चाहता हूं कि वे गरीबी खत्म करने और इस आपसी कलह को खत्म करने पर ध्यान लगाएं। आजादी को अब 70 साल हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच 4 जंग लड़ी जा चुकी है। क्या ये दोनों देश हमेशा एक-दूसरे की दुश्मन बनकर रहने वाले हैं? ईश्वर के लिए इस कलह को अब खत्म करें। अपना बजट शांति को बढ़ावा देने की कोशिशों पर खर्च करें। आतंकवाद दोनों ही देशों का दुश्मन है।'
पाकिस्तानी धर्मगुरू ने कहा कि आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म का दुरूपयोग करने वाले आतंकवादी संगठनों से पूरी कठोरता से निबटा जाना चाहिए। उन्हें कभी बख्शा नहीं जाना चाहिए। कादरी ने कहा, यह एक आपराधिक कृत्य है। अगर जैश :जैश-ए-मोहम्मद:, अगर लश्कर :लश्कर-ए-तैयबा:, अगर अलकायदा, आईएसआईएस या अगर कोई हिंदू संगठन आतंकवादी हरकत करने के लिए धर्म का उपयोग करता है, तो बहुत कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है और यह वक्त का तकाजा है कि आतंकवादियों से और धर्म के नाम पर गड़बड़ी मचाने एवं हिंसा करने वालों से प्रभावी तौर पर निबटा जाए।
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