Archived

यूपी सरकार को झटका, सुप्रीमकोर्ट ने खुद की लोकायुक्त की नियुक्ति

Special News Coverage
16 Dec 2015 8:28 AM GMT

UP Lokayukta Retd justice Virendra Singh
नई दिल्लीः देश के इतिहास में सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति में दिया दखल और बिना सरकार के भेजे नाम ही कर दी नियुक्ति। यूपी सरकार को बार बार मिल रहे लोकायुक्त नियुक्ति के निर्देश के बाबजूद सरकार नहीं कर पायी नियुक्ति।

सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल लोकायुक्त के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित 5 नाम नहीं दे पाए। सुप्रीम कोर्ट ने 12.30 बजे 5 नामों के साथ यूपी सरकार के वकील को बुलाया। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आज 5 नामों पर चर्चा हुयी है लेकिन सुबह की बैठक में नाम पर सहमति नहीं बनी है। 5 बजे फिर बैठक फिर बुलाई गई है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा, हमे कानून का पालन कराना आता है। अब कानून काम करेगा, आप हमें 5 नाम बताओ हम लोकायुक्त तय करते हैं। अभी जिस पर सरकार 5 नाम नहीं दे सकी।


अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में रिटा. जस्टिस वीरेंद्र सिंह को लोकायुक्त के रूप में नियुक्त कर दिया और राज्य सरकार को बार-बार दिए गए आदेश नहीं मानने के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यूपी का सिस्टम नाकाम रहा और राज्य में संवैधानिक एजेंसियां नाकाम रहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने आज तक की लोकायुक्त नियुक्ति की दे रखी डेड लाइन पूरी होती नहीं देखकर 1977 बैच के पीसीएस जे रह चुके इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज वीरेंद्र सिंह को यूपी में लोकायुक्त नियुक्त किया है।


मुख्य सचिव को जेल या यूपी सरकार बर्खास्त भी हो सकती है बुधवार को !- IAS


लोकायुक्त नियुक्ति में यूपी सरकार को आज अपने प्रमुख सचिव को पेश कर जबाब दाखिल करना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई दलील नहीं मानते हुए अपनी तरफ से लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी है। आज तक के इतिहास में पहली बार किसी लोकायुक्त की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है जो की सरकार पर सवाल खड़े करता है कि आखिर सरकार क्यों नहीं नियुक्त कर पाई लोकायुक्त।
Next Story