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शहीद हुए पति को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए सेना में शामिल होना चाहती है 'पत्नी'

Special News Coverage
29 Jan 2016 11:36 AM GMT
martyr santosh mahadik wife


पुणे : कुपवाड़ा में शहीद हुए जवान संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक अब सेना में जाकर अपने देश की सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके पति को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बताते चलें । 17 नवंबर को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में संतोष महादिक शहीद हो गए थे। गणतंत्र दिवस पर संतोष को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

स्वाति ने अपने पति की मौत के दो महीने गुजरने के बाद जब यह फैसला लिया तो परिजन हैरान रह गए। शहीद संतोष के रिश्तेदार यशवंत घोरपडे ने कहा, 'हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि इतनी मुश्किल की घड़ी में वह ऐसा फैसला ले सकती हैं। हम उनके परिवार को हौंसला बंधा रहे थे लेकिन उन्होंने अपने फैसले से हमें हैरान कर दिया। जब आप सर्विस में पहले ही अपने किसी करीबी को खो चुके हों, उसके बाद भी ऐसा फैसला लेना सामान्य बात नहीं है। यह वाकई बहुत ही साहसिक है। जिस दिन वह मेरे भाई की तरह सेना में जाएंगी, उस दिन मैं बहुत गर्व महसूस करूंगा।'

उनकी मां विजया ने अपनी बेटी के फैसले का स्वागत किया है। उनकी मां ने कहा, 'पहले हमारे दामाद ने हमें गर्वान्वित किया और अब हमारी बेटी देश की सेवा कर हमारा सिर ऊंचा करने जा रही है।' स्वाति चाहती हैं कि उनके बच्चे भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें। उनके 11 साल और पांच साल के दो बेटे हैं।

शॉर्ट सर्विस कमिशन के नियमानुसार, आर्मी में भर्ती होने के लिए अधिकतम आयु सीमा 27 साल है। स्वाति की उम्र 37 साल है। स्वाति ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में मैं भर्ती होने की योग्यता नहीं पूरी करती हूं, लेकिन मैंने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बारे में अनुरोध किया है। नौसेना में एक बार 40 साल की विधवा को शामिल किया गया था। मुझे उम्मीद है कि मंत्रालय मुझे सेना में सर्विस करने की अनुमति देगा।
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