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भोपाल
विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को भोपाल की जिला अदालत में सरेंडर कर दिया था। कोर्ट में पेश नहीं होने पर यह वारंट जारी किया गया था।
विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में शुक्रवार को जिला अदालत में आठ आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। करीब एक सप्ताह पहले ही सभी आरोपियों को इस बारे में सूचना दी गई थी। चालान पेश होने के दौरान दिग्विजय सिंह को छोड़कर सभी सात आरोपी मौजूद थे। सभी सातों आरोपियों ने अदालत में जमानत की अर्जी दायर की। अदालत ने सभी आरोपियों को 30 हजार रुपए की जमानत पर रिहा कर दिया।
इन आठ आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही
1-दिग्विजय सिंह
2-अशोक चतुर्वेदी
3-एके त्यागी
4-रमाशंकर मिश्रा
5-योगेश मिश्रा
6-सुषमा द्विवेदी
7-कुलदीप पांडे
8-केके कौशल
दिग्विजय के वकील ने उज्जैन में दलित महाकुंभ की वजह से मांगी छुट
दिग्विजय के वकील की तरफ से दलील दी गई थी कि उज्जैन में दलित महाकुंभ की वजह से वे अदालत में पेश नहीं हो सके। सरकारी वकील ने इस तर्क पर आपत्ति की। इसके बाद अदालत ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अब दिग्विजय सिंह को अदालत में पेश होकर जमानत लेनी होगी।
क्या है मामला
आपको बता दें कि व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद पिछले साल जहांगीराबाद पुलिस ने दिग्विजय सिंह सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। इससे पूर्व दिग्विजय से सीएसपी ऑफिस में करीब 5 घंटों तक लगातार पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे करीब 94 सवाल पूछे गए थे।
दिग्विजय पर आरोप है कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के 10 वर्षों के दौरान विधानसभा में गलत तरीके से नियुक्तियां हुईं।
पुलिस के मुताबिक
पुलिस के अनुसार, वर्ष 1993 से 2003 तक विधानसभा में नियुक्तियां हुई थीं। इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं। राज्य सरकार ने शिकायतों की जांच कराई, जिसमें 17 लोगों की संलिप्तता पाई गई। बताया गया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा के उपसचिव ने 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की। पुलिस ने एक कदम आगे बढ़कर 19 लोगों को आरोपी बनाया। आरोप है कि इन्होंने विधानसभा में गलत तरीके से 17 लोगों का नियुक्त किया। विधानसभा के उपसचिव की शिकायत के आधार पर जहांगीराबाद थाने की पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ धारा 420, 468 और 120 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
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