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पुलिस वालों की मांगें पूरी की जाएं वरना होगा उग्र प्रदर्शन: शमशेर खान पठान

Special News Coverage
5 April 2016 6:55 AM GMT
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मुंबई
पुलिस वालों के परिजनों को अलग अलग समय पर परेशान किए जाने से उन्हें इस परेशानी से बाहर निकालने के साथ साथ उनके अधिकार के लिए आजाद मैदान में पुलिस वालों से जुड़ी श्रीमती पाटिल भूख हड़ताल पर बैठी थीं लेकिन सरकार ने पिछले पंद्रह दिनों से जारी इस भूख हड़ताल पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन जब इसकी सूचना सेवानिवृत्त सहायक पोलिस आयुक्त शमशेर खान पठान को मिली तो वह पिछले तीन दिनों से इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं और उनके इस आंदोलन में ' पुलिस फैमिली वेलफेयर कमेटी 'के सभी सदस्य भी जुड़ गए जिसकी वजह से आज़ाद मैदान में हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए जिसके बाद सरकार की आंखें खुलीं और विपक्षी नेता व अन्य पार्टियों के नेताओं ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया और एक आवाज में कहा कि पुलिस वालों की जो मांगें हैं उन्हें तुरंत पूरा किया जाए।

विपक्षी नेता राधा कृष्ण विखे पाटिल और विधायक पतंग राव कदम भी आज़ाद मैदान आकर पुलिस वालों के परिजनों को हो रही परेशानी को सुना और कहा कि जो भी मांग की गई हैं वे सही हैं। हम आप के साथ खड़े हैं। उक्त दोनों नेताओं ने यहाँ कहा कि पुलिस वालों की यह मांगें वह विधानसभा सदन में भी उठाएंगे। जबकि यह प्रेस विज्ञप्ति अखबारों में जाने के समय मुख्यमंत्री ने फैसला किया कि पुलिस के परिजनों की मांग सुनने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल भी बुलाएंगे और फिर इन मांगों पर कोई फैसला करेंगे लेकिन सरकार की ओर से आश्वासन करने के बाद इसमें कोई प्रगति नहीं हुई तो तीन महीने के बाद एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ऐसा सेवानिवृत्त एसीपी शमशेर खान पठान ने संवाददाताओं से कहा। इसी के साथ पुलिस यूनियन बनाने के लिए सरकार की अनुमति नहीं है इसलिए यूनियन नहीं बनाने का फैसला किया गया। पुलिस वालों की जो मांगे हैं वह वह इस तरह हैं। सरकार से इनका त्वरित समाधान माँगा गया है।

क्या है मांग
1- पुलिस वालों को सेवानिवृत्ति तक खुद के मालिकाना अधिकार का घर मिलना चाहिए।

2- खुद का मकान मिलने के लिए बड़े बिल्डरों को पाव ऍफ़ एस आई बढ़ा कर दें और पाव एफ एस आई जो घर का निर्माण किए जाएं उन घरों का मालिकाना हक पुलिस वालों को देकर हजार रुपये वर्ग फुट के हिसाब से घर निर्माण खर्च सरकार इसे भर कर पुलिस वालों के वेतन से कटौती।

3- पुलिस अधिकारी और पुलिस अधिकारी ये सभी लोग चौबीस घंटे काम करके राज्य भर की रक्षा करते हैं और लगातार काम करने की वजह से उन्हें रोग भी पैदा होते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद इस रोग से पीड़ित रहते हैं लेकिन इन हालात में भी उन्हें चिकित्सा सुविधाएं नहीं होती हैं इसलिए सेवानिवृत्ति के बाद पुलिस व उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करें।

4- पुलिस वालों के लड़के या लड़कियों को नई भर्ती में 15 / प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

5- पुलिस कॉलोनी के पुनर्निर्माण किए जाने के समय इन कालोनियों में अधिक एफ एस आई देकर उनके घरों के मालिकाना अधिकार उन्हें दिए जाएं।

6- जीर्ण पुलिस कालोनियों की युद्धस्तर पर रीपेयरनग किया और पुलिस वालों के अन्य समस्याओं को तुरंत दूर किया जाए।

7- पुलिसकर्मियों की ड्यूटी का समय आठ घंटे हो व अन्य मांगों।

इस आंदोलन में पुलिस वालों के हजारों महिलाओं और युवा लड़के और लड़कियों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने बड़े पैमाने पर भाग लिया।
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