- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
मणिपुर के इस 14 वर्षीय लड़के को बहादुरी के लिए मिलेगा 'नेशनल अवार्ड'
Special News Coverage
14 Dec 2015 2:10 PM GMT
मणिपुर/नई दिल्ली : मणिपुर के एक 14 वर्षीय लड़के को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित करने के लिए चुना गया है। इस लड़के ने अपने चचेरे भाई की जान बचाने के लिए अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया। लड़के का नाम मास्टर मॉरिस यंग्खोम है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मॉरिस शिशु निष्ठा निकेतन स्कूल में पढ़ाई करता है। मॉरिस देश के उन 24 बच्चों में से एक है जिन्हें साल 2015 के किए नेशनल ब्रेवरी अवार्ड के लिए चुना गया है। यह अवार्ड गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दिया जाना है।
चचेरे भाई की बचाई थी जान
मॉरिस ने बताया, ''मैंने 8 मार्च 2015 को अपने चचेरे भाई को बिजली के करेंट से मरने से बचाया। हम टेरेस पर खेल रहे थे। पास में ही हाई पॉवर लाइन थी। हम होली पर पानी के गुब्बारों से खेल रहे थे। अचानक से मेरा चचेरा भाई तारों के बेहद नजदीक खड़ा हो गया। मुझे अंदर से खतरे का आभास हुआ, इसपर मैंने उसे बचाने के लिए जोर से धक्का दे दिया।''
मॉरिस बचपन से ही मेधावी और बहादुर बच्चा रहा है। हर कोई उसकी सादगी और मासूमियत की वजह से उससे प्यार करता है।
बच्चे की उपलब्धि पर बेहद खुश है परिवार
मॉरिस के पिता यंग्खोम जुनू सिंह ने बताया, ''मेरी बहन ने मुझे फोन पर बताया कि मॉरिस को 2015 के बहादूरी के सम्मान के लिए चना गया है। इसके बाद मुझे मेरे दोस्तों के बधाई संदेश मिल रहे हैं। मैं बेहद खुश हूं। मैंने अपनी खुशी का इज़हार परिवार और संबंधियों के साथ किया है।''
मणिपुर के ही एक अन्य बच्चे को नेशनल चिल्ड्रन ब्रेवरी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस बच्चे का नाम चौंगथाम कुबेर मितेई है। जो टेरा लोउक्राकपम लेकई का रहने वाला है।
बता दें, हर साल 6-18 साल के बच्चों को दूसरों की जान बचाने के लिए यह अवार्ड दिया जाता है।
Special News Coverage
Next Story