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दिल्ली में 2000 सीसी से अधिक की डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक
Special News Coverage
16 Dec 2015 7:18 AM GMT
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को डीजल गाड़ियों पर एक बड़ा फैसला दिया है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आज तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में 2000 सीसी से अधिक की डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
31 मार्च 2016 तक दिल्ली व एनसीआर में डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है। साथ ही, 2005 से पहले के रजिस्ट्रेशन वाले ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर भी बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा, जिन ट्रकों में अब दिल्ली का सामान नहीं होगा, उनकी एंट्री पर भी दिल्ली में रोक लगा दी गई है। साथ ही, दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर लगने वाला ग्रीन टैक्स दोगुना हो गया।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों संकेत दिया था कि वह अगले तीन चार महीने के लिये 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजनों की डीजल एसयूवी, कारों और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा सकता है। शीर्ष अदालत ने राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के इरादे से 12 अक्तूबर को एक नवंबर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले हल्के वाहनों पर सात सौ रूपए और तीन एक्सेल वाहनों पर 1300 रूपए पर्यावरण हर्जाना शुल्क लगाने का आदेश दिया था। यह शुल्क इन वाहनों से वसूल किये जाने वाले टोल टैक्स के अतिरिक्त है।
इन गाड़ियों पर पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से फोर्स मेकन, टोयोटा कैमरी, फोर्स वन एसयूवी, बीएमडब्लू जेड 4 ऑडी क्यू एस, टाटा सूमो, टाटा सफारी, टाटा आरिया, शेवरले की ट्रेलब्लेजर, हुंडई सांता और जगुआर एक्स एफ जैसी तमाम गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर असर पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में खुले में कूड़ा नहीं जलाने के कानून पर भी सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ऐसे सभी उपाय किए जाएं ताकि धूल गर्द हवा में ना उड़े।
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