- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
मंदिर में शिवलिंग पर माथा टेक कर बंदर ने त्यागे प्राण
Special News Coverage
20 Dec 2015 3:09 PM GMT
जयपुर : धर्म के प्रति आस्था रखने वालों के लिए खबर राजस्थान के सुभाष नगर में दिनभर चर्चा का विषय रही। दरअसल सुभाष नगर के एक शिव मंदिर में एक बंदर ने शिवलिंग पर माथ टेक कर अपने प्राण त्याग दिए। जिसने भी यह खबर सुनी वो मंदिर की और दौड़ पड़ा।
इसके बाद भक्तों ने उस बंदर का पूरे विधि-विधान से शव यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया। खबरों के अनुसार घटना शुक्रवार की है जब सुभाष नगर में बने मां लालता देवी के मंदिर में एक बंदर घूमता-फिरता पहुंचा। बंदर घायल था और मंदिर में आने के बाद शिवलिंग के चारों तरफ चक्कर काटने लगा।
कुछ देर बाद बंदर ने शिवलिंग पर अपर सिर टिकाया और उसी स्थिति में अपने प्राण त्याग दिए। उस वक्त मंदिर में मौजूद हर शख्स इस पूरी घटना को आश्चर्यचकित होकर देखता रहा। कुछ ही देर में यह बात आग की तरह फैल गई और सैकड़ों की संख्या में लोग इस घटना को देखने मंदिर में पहुंचने लगे।
इसके बाद लोगों ने इसे दैवीय घटना मानते हुए पूरे विधि-विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह बंदर कहां से घायल होकर आया था।
Special News Coverage
Next Story