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अखिलेश के मंत्री फरियादी से वोले, जाति के हो नहीं तो उठवाकर फेंकवा देता
Special News Coverage
26 Dec 2015 8:19 AM GMT
मऊ : उत्तर प्रदेश के राज्य स्वास्थ्य मंत्री शंखलाल मांझी ने शुक्रवार को मऊ में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए दरबार लगाया। इस दौरान अपनी समस्या को लेकर सुरेश निषाद नाम के शख्स उनके पास पहुंचे।’ सुरेश अपनी समस्या बता ही रहे थे कि मंत्रीजी उन पर भड़क उठे और सबके सामने डांटते हुए कहा कि 'तुम अगर हमारी जाति के नहीं होते तो अब तक तुम्हें उठवाकर फेंकवा देता।’' यह सुनते ही सुरेश सहम गए और माफी मांगते हुए मंत्रीजी के दरबार से बिना समस्या हल कराए चले गए।’
सुरेश मंत्रीजी की ही जाति के थे इसलिए उसे छोड़ दिया गया, अगर अन्य जाति का कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आया होता तो उसके साथ क्या होता ये तो मंत्री जी की जुबानी से ही पता चल रहा है।
यह थी सुरेश की फरियाद
सुरेश फरियाद लगा रहे थे कि साहब हम लोग मछुआरा समाज के हैं और जिस सरकार ने हम लोगों को पट्टा दिया है उसमें कोर्ट के आदेश के बावजूद भी हम लोगों का कुछ नहीं हो रहा है। इस पर जवाब देते हुए मंत्री जी भड़क गये तो फरियादी ने कहा कि साहब हम तो अपनी बात कह रहे हैं, लाठी तो किसी को मार नहीं रहे। इस पर मंत्री ने कहा कि 'तुम्हारी हैसियत है सरकार को लाठी से मारने की।' मंत्री का आक्रोश यहीं नहीं रुका, आगे कहा कि 'मेरी बिरादरी के नहीं होते तो तुम्हारा गला पकड़कर बाहर फेंकवा देता।' बाद में फरियादी ने अपनी गलती मानते हुए माफी भी मांग ली।’
जनता समय आने पर जवाब देगी: फरियादी
फरियादी सुरेश ने कहा कि मंत्री जी मेरी बात समझ नहीं पाये और भड़क गए। मैंने उन्हें सच बताया लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे और डांटने लगे। मीडिया ने पूछा कि लोकतंत्र में तो जनता का हक है किसी से भी अपनी बात कहने का, तो फरियादी ने कहा समय आएगा तो इनको भी पता चलेगा। यानी उनका इशारा साफ था कि चुनाव में ऐसे मंत्री और नेताओं को सबक सिखाया जाएगा कि जनता की क्या ताकत है।
मीडिया को देने लगे नसीहत
जब इस बात को लेकर मंत्री जी से मीडिया ने बात की तो वह उल्टा मीडिया को ही नसीहत देने लगे। मंत्री जी ने कहा, ‘‘वह हमारे समाज का भाई है और हम उसे समझा रहे थे। सारे लोग बोल रहे थे इसलिए उसकी भाषा समझ में नहीं आ रही थी।’’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला मीडिया के लिए नहीं है। मीडिया मानवता सीखे।’’
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