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साथी की मौत पर उग्र हुए वकील, फूँकी कई गाडियां और फाड़ दी शिवपाल की होर्डिंग

Special News Coverage
10 Feb 2016 12:47 PM GMT
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लखनऊ
प्रदेश की राजधानी के नाका थानाक्षेत्र के गणेशगंज में राधा कृष्ण मंदिर में मूलरूप से त्रिवेदीगंज हैदरगढ़ बाराबंकी के रहने वाले 36 वर्षीय श्रवण कुमार वर्मा रहते थे। वह मंदिर के पुजारी भी थे इसके अलावा हाईकोर्ट में वकालत भी करते थे। मंगलवार सुबह उनका शव मंदिर के पास खून से लथपथ पड़ा मिला था। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था। बुधवार दोपहर के बाद वकीलों में उबाल आ गया। वकीलों ने हाईकोर्ट चौराहे को जाम कर जमकर उत्पात मचाया।
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वकीलों का स्वास्थ्य कर्मचारियों से विवाद

प्रदर्शन स्वास्थ्य भवन के पास चल रहा था। प्रदर्शन के बीच वकीलों का स्वास्थ्य कर्मचारियों से विवाद हो गया, मामला इतना बढ़ गया कि पहले अधिवक्ताओं ने पथराव करना शुरू कर दिया उसके बाद में उन्होंने रोडवेज की 2 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा वकीलों ने इस पूरे मामले की कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों के कैमरा भी तोड़ दिए। इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि वकीलों ने स्वास्थ्य भवन में खड़ी दर्जनों सरकारी गाड़ियों और बाइकों में आग लगा दी।

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परिजनों ने लगाया था हत्या का आरोप
नाका के दुर्विजयगंज में अधिवक्ता का शव मंगलवार को नाली में पाया गया था। श्रवण के सिर और कान के पास से खून निकल रहा था। वहीं शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। मृतक के बड़े भाई बलराम वर्मा ने बताया उनका भाई सोमवार को ही गांव से आया था।
मौत की सूचना मिली तो घर में कोहराम मच गया। मृतक के परिवार में पत्नी समेत बेटा विनय वर्मा (9), बेटी दिव्यांशी (4) है। बलराम का आरोप है उनके भाई की हत्या करने के बाद शव को हादसा दिखाने के लिए छत से फेंका गया है। थानाप्रभारी नाका का कहना है इस संबंध में अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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सपा की होर्डिंग फाड़ीं, एसएसपी को हटाने की मांग

बुधवार को वकीलों ने हाईकोर्ट चौराहे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस दौरान वकीलों ने शिवपाल सिंह यादव की चौराहे पर लगी होर्डिंग फाड़ डाली। वकीलों ने किसी भी वाहन को उधर से निकलने नहीं दिया। वह हत्यारों की गिरफ्तारी और एसएसपी को हटाकर मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। वकीलों का आरोप था सरवन की बेरहमी से हत्या करने के बाद शव फेंका गया है।

जाम में फंसी रहीं एम्बुलेंस

कई घण्टों चले हंगामे के दौरान सभी गाड़ियां जाम में फंसी रहीं। उधर से निकलने वाला हर कोई जाम में फंस रहा था। इस दौरान कई थानों की पुलिस और पीएसी मौजूद रही। वकीलों ने शराफत दिखाते हुए सिर्फ जाम में फंसी एम्बुलेंस को ही निकलने दिया, इस दौरान आक्रोशित वकीलों ने आगजनी भी की। कई घण्टे चले बवाल के बाद पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया लेकिन सभी हलकान रहे। वहीं, जाम से स्कूली बच्चे भी परेशान रहे।

जाम की वजह से मौके पर नहीं पहुंच सकी दमकल की गाड़ियां
हाईकोर्ट चौराहे पर वकीलों की पत्थरबाजी से जनता हलकान रही। वकीलों के तांडव से शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अधिवक्ता की संदिग्ध हालत में हुई मौत के बाद वकीलों ने कड़ा विरोध जाहिर किया करते हुए बुधवार लखनऊ के सभी अधिवक्ताओं के साथ मिलकर डीएम और एसएसपी को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
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