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Archived
जम्मू-कश्मीर में 27 साल बाद खुला वैताल भैरव मंदिर, कश्मीरी पंडितों ने की पूजा
Special News Coverage
29 April 2016 10:11 AM GMT
श्रीनगर : पुराने श्रीनगर शहर के बीच में सदियों पुराने वैताल भैरव मंदिर को 27 साल बाद दोबारा खोल दिया गया। इस मंदिर को खोले जाने पर कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने भगवान भैरव की जयंती पर पूजा अर्चना की।
साल 1990 में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों के घाटी छोडक़र निकल जाने के बाद रैनावाडी़ के जोगी लंकर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। भगवान भैरव की जयंती मनाने की परंपरा बहाल करने के लिए देश के कई हिस्सों से और विदेशों से कश्मीरी पंडित एकत्र हुए थे।
रैनावाड़ी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद इस मंदिर की जमीन गलत तरीके से एक स्थानीय ट्रस्ट ने प्रॉपर्टी डीलर को बेच दी थी। इसका खुलासा होने के बाद कश्मीरी पंडितों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कानूनी लड़ाई के बाद प्रॉपर्टी डीलर के कब्जे से मंदिर को मुक्त कराया।
एक कश्मीरी पंडित ने बताया कि 90 के दशक से पहले यहां अमनाथ यात्रा के दौरान लंगर बांटा जाता था। स्थानीय लोगों के मुताबिक भगवान भैरव की जयंती पर यहां खास कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ करता था और कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से लोग शिरकत करने आते थे।
वहीं रैनावाड़ी में कश्मीरी पंडितों के लौटने से इलाके के दूसरे समुदायों के लोग भी खुश हैं। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के मुताबिक में कश्मीर में 1990 से पहले करीब 583 मंदिर थे। जिसमें से कई आतंकी गतिविधियों के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए।
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