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काशी बनी कान्हा की गोकुल! घाट से लेकर घर की चौखट तक "श्री कृष्ण" की गूंज....
देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भी कान्हा की जय जयकार हो रही है। वाराणसी के चौखंबा स्थित अति प्राचीन गोपाल मंदिर, दुर्गाकुंड रोड स्थित इस्कॉन मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। देर रात बाबा के प्रांगण में श्री कृष्ण का जन्म अभिषेक करने के बाद आज प्रातः कालीन भोग आरती में "लड्डू गोपाल" के रूप भी शामिल हुए। इस दौरान भक्तों ने प्रभु के भजन और खूब जय कारे लगाएं।
काशी बनी कान्हा की गोकुल
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी कान्हा की गोकुल बन गई। काशी के सभी मठ, मंदिरों पुलिस थानों, पुलिस लाइन, जिला जेल, सेंट्रल जेल सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर भव्यता के साथ सजावट किया गया। गंगा के घाट से लेकर घर की चौखट तक हरे कृष्णा जय श्री कृष्णा और राधे-राधे की गूंज सुनाई दी।
वहीं दूसरी ओर जन्माष्टमी के पर्व पर सुबह से ही काशी के सभी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। काशी विश्वनाथ मंदिर, चौखंबा स्थित प्राचीन गोपाल मंदिर और दुर्गाकुंड रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा जो की देर रात 1:00 तक चला। इस्कॉन मंदिर में डेढ़ लाख और गोपाल मंदिर में पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री कृष्ण का दर्शन पूजन किया।
बाबा की आरती में लड्डू गोपाल शामिल
जन्माष्टमी के पर्व पर काशी विश्वनाथ मंदिर में कान्हा की गूंज सुनाई दी! मंदिर प्रशासन ने इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में देर रात 12 बजे लड्डू गोपाल का जन्म कराया गया। दूध और पंचमेवा से स्नान कराकर भगवान को भोग अर्पित किया गया। इस कार्यक्रम में वाराणसी के मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा और काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा के साथ-साथ हजारों भक्त शामिल हुए। आज सुबह मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ के साथ लड्डू गोपाल भी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रभु को मिठाईयां और विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाया गया। संपूर्ण मंदिर परिसर हरे कृष्णा, जय श्री कृष्णा और हर हर महादेव के नारे से गूंज
रहा है।