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ट्विटर ब्लू टिक को लेकर कोर्ट ने CBI को सुनाई खरी खोटी
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को उनके ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक की बहाली की मांग वाली याचिका दायर करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा उनके पहले से पारित आदेश के संबंध में बमुश्किल एक महीने बाद ही याची ने पुन: आवेदन दायर कर दिया. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा कि इस मामले में एक पिछला आदेश 7 अप्रैल को पारित किया गया था और कोई औचित्य नहीं था जो वर्तमान याचिका को इतनी जल्दी दायर करें.
अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा हमने 7 अप्रैल को एक आदेश पारित किया. आपको तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए किसने मजबूर किया? आपके मुवक्किल के पास बहुत खाली समय है. क्या आप हमसे वापसी का उपहार चाहते हैं. राव की ओर से पेश अधिवक्ता राघव अवस्थी ने तर्क दिया कि ट्विटर के साथ उनका अंतिम संचार 18 अप्रैल को हुआ था और उनका सत्यापन अभी तक बहाल नहीं हुआ है. अवस्थी ने अदालत से मामले को उसी मुद्दे से निपटने वाले मामलों से संबंधित याचिका के साथ सुनवाई का आग्रह किया. अदालत ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया.
राव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक को बहाल करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसे मार्च में माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट द्वारा हटा दिया गया था. राव ने पहले भी एक याचिका दायर की थी। हालांकि 7 अप्रैल को कोर्ट ने याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को पहले अपनी शिकायत के साथ ट्विटर से संपर्क करने को कहा था.
कोर्ट ने CBI की फटकार लगाई और कहा की आपके पास खाली समय होगा किंतु हमारे पास नही है.इस तरह के बिना वजह वाले कैसे की सुनवाई रखने के लिए CBI को खरी खोटी सुननी पड़ी.