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भारत ने लगाई गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक
गेहूं के दिन - ब - दिन बढ़ते दामों को देखते हुए भारत ने इसके एक्सपोर्ट पर तुरंत प्रभाव से बैन लगा दिया है। भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा किसी दूसरे देश की खाद्य जरूरत के लिए निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
लगातार महंगे हो रहे गेंहू के चलते readymade बाजार में आटा महंगा होता जा रहा है। readymade बाजार में आटा का औसतन दाम करीब 33.14 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंचा है। बीते एक सालों में आटा करीब 13% महंगा हो चुका है। बीते साल 13 मई को आटा 29.40 रुपए प्रति किलो में मिल रहा था।
बता दे कि, इस वर्ष गर्मी के मौसम के जल्दी आने के चलते सरकार ने 111.32 मिलियन टन से उत्पादन के अनुमान को घटाकर 10.50 करोड़ टन कर दिया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि चालू वित्त वर्ष में गेहूं निर्यात 100 से 125 लाख टन को पार कर सकता है। इस बार गेहूं खरीदार देशों में नया नाम मिस्र का जुड़ा है।
तो वही दूसरी ओर कांग्रेस ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के कदम को 'किसान विरोधी' करार देते हुए दावा किया कि सरकार ने गेहूं की पर्याप्त खरीद नहीं की जिस कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई कि उसे निर्यात पर रोक लगानी पड़ी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र सरकार पर्याप्त गेहूं खरीदने में असफल रही है। ऐसा नहीं है कि गेहूं की पैदावार कम हुई है। यह कुल मिलाकर पहले की तरह है। हो सकता है कि पहले के मुकाबले थोड़ी ज्यादा पैदा पैदावार हुई हो। किंतु सरकार खरीदने में असफल हुई, जिसका अंजाम अब किसानों को झेलना पड़ेगा.