राज्य

आइए जानते है कब तक दे सकता है मानसून दस्तक

Gaurav Maruti
12 May 2022 10:07 PM IST
आइए जानते है कब तक दे सकता है मानसून दस्तक
x

आइए जानते है कब तक दे सकता है मानसून दस्तक

आइए जानते है कब तक दे सकता है मानसून दस्तक

भारत के साथ पूरे देश को बेहाल कर रखा है। लोग बेसब्री से मानसून के आने का इंतजार कर रहे है। गर्मी झेल रहे लोगो के लिए बड़ी राहत देने वाली खबर है। इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून जल्द आ रहा है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 15 मई को पहली मौसमी बारिश होने की उम्मीद है। सामान्य रूप से मानसून 19-20 मई तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह पहुंचता है। इस साल समय से चार दिन पहले 26 मई को मानसून के केरल पहुंचने की भी संभावना जताई जा रही है।

मौसम विभाग विभाग ने गुरुवार को एक अनुमान बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून के 15 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर और निकटवर्ती दक्षिणपूर्वी खाड़ी में पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक विस्तारित पूर्वानुमानों में लगातार मानसून के समय से पहले केरल में दस्तक देने और उत्तर की तरफ बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिन अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 14 से 16 मई के दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। 15 और 16 मई को दक्षिण अंडमान सागर में हवा 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है।

सबसे पहली मानसून केरल से शुरु होकर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाता है। इससे देश में कुल बारिश का 70 फीसद दक्षिण पश्चिम मानसून से ही होती है। भारत में रबी फसलों का आधा इसी मानसून पर निर्भर है। यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्यान्न की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। भारत में अच्छी बारिश, जो सभी राज्यों में हो, उसी से फसलें अच्छी होती हैं। इसी से भारत में खाद्यान्न आयात पर निर्भरता कम होती है।

पश्चिम बंगाल में बने साइक्लोन की वजह से 16 मई से मध्यप्रदेश में प्री-मानसून दस्तक दे सकता है। तीन दिन बाद प्रदेश में बादल डेरा डालना शुरू कर देंगे। शाम को हल्की बूंदाबांदी राहत देगी। इस बार मानसून भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और उज्जैन संभागों में ज्यादा मेहरबान रहेगा।

देश के पूरे 40 फीसद किसान ऐसे हैं जो सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर हैं। खरीफ की फसलें जैसे- चावल, कपास, गन्ना, मसूर, चना और सरसों का उत्पादन करने वाले किसान इसी मानसून पर निर्भर रहते हैं। और देश के सभी किसान मानसून का इंतजार कर रहे है।

Gaurav Maruti

Gaurav Maruti

    Next Story