शरतचंद के जीवन से जुडी घटना-अघटना वे सब याद हैं। बचपन से घर में सुनते आये हैं। जब कोई आगंतुक शरत पुराण छेड़ता- मां, बाबा सब शुरू हो जाते। वो सारा कुछ याद है। चाहे जितना बुलवालें।