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जिन्दगी मुझे खुद वापिस बुलाने लगी है..

जिन्दगी मुझे खुद वापिस बुलाने लगी है..

रचना शीर्षक - जिन्दगी मुझे खुद वापिस बुलाने लगी है।।विधा मुक्तक 1हक़ीक़त खुद ही मुझे आईनादिखाने लगी है।कौन दोस्त कौन दुश्मन अबबताने लगी है।।सुन रहा हूँ जबसे दिल कीआवाज़...

10 Sept 2021 7:17 PM IST