यह राष्ट्रीय गर्व का अवसर है। इस अवसर पर हिसाब-किताब की बातें कोई न छेड़े। कोई न पूछे कि भाषण और सैल्यूट के अलावा, मोदी जी ने अंतरिक्ष शोध को और इसरो को दिया ही क्या है?