मानसून की पहली बारिस के साथ ही धान बुनी, गोडा, गोंदली, मंडुआ, लेवा, बिंडा, कादो-धान रोपनी, के बाद खेती बारी में प्रकृति के योगदान की खुशियाली जाती है-जो करमा पर्व के रूप में जाना जाता है।