अब जब आप नौकरी से पैदल हो गए तो ट्विटर पर पर “पत्रकारिता के भगत सिंह” बन रहे हैं। यह क्रांतिकारी पत्रकारिता नहीं, बल्कि स्टंट पत्रकारिता ही है।