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कई दिनों से भूखी-प्यासी घर में अकेली थी बृद्ध महिला, कलेक्टर ने किया ऐसा काम हो रही है तारीफ़!

Arun Mishra
23 Jun 2018 8:26 AM GMT
कई दिनों से भूखी-प्यासी घर में अकेली थी बृद्ध महिला, कलेक्टर ने किया ऐसा काम हो रही है तारीफ़!
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यह आइएएस अफसर पत्नी से खाना बनवाता है। फिर टिफिन में लेकर निकल पड़ता है वृद्धा महिओ की झोपड़ी में..

तमिलनाडु के करूर में रहने वाली 82 साल वृद्ध महिला उस वक्त चौंक गई, जब उनके यहां एक वीआईपी मेहमान आया। खुद की जिंदगी बसर करने के लिए सरकारी मदद की मुंहताज इस महिला को समझ में ना आया कि आखिर उसके यहां जिले के कलेक्टर साहब क्यों पहुंचे हैं। लेकिन कलेक्टर साहब ने अपने आने की वजह बताई तो इस सरकारी अधिकारी के लिए इस महिला के दिल में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा।

वृद्ध महिला की हालत बेहद खराब है। चंद प्लास्टिक के बर्तनों के जरिये ये महिला अकेली किसी तरह अपनी जिंदगी काट रही है। 82 साल वृद्ध महिला घर में बिल्कुल अकेली। कई दिनों से भूखी। बीमार अवस्था में पड़ी हुई। खाना-पीना और ठीक से उठना-बैठना भी दूभर। हर पल भगवान से उठा लेने की फरियाद करती हुई।

दरियादिल यह आइएएस अफसर पत्नी से खाना बनवाता है। फिर टिफिन में लेकर निकल पड़ता है वृद्धा के चिन्नमालनिकिकेन पट्टी स्थित झोपड़ी में। जिस बूढ़ी माता से पास-पड़ोस के लोग आंखें फेरे हुए थे, कुछ ही पल में उनकी झोपड़ी के सामने जिले का सबसे रसूखदार अफसर मेहमान के तौर पर खड़ा नजर आता है। वृद्धा समझ नहीं पातीं क्या माजरा है। डीएम कहते हैं-माता जी आपके लिए घर से खाना लाया हूं, चलिए खाते हैं।



वृद्धा के घर ठीक से बर्तन भी नहीं होते तो वह कहतीं हैं साहब हम तो केले के पत्ते पर ही खाते हैं। डीएम कहते हैं-अति उत्तम। आज मैं भी केले के पत्ते पर खाऊंगा। किस्सा यही खत्म नहीं होता। चलते-चलते डीएम वृद्धावस्था की पेंशन के कागजात सौंपते हैं। कहते हैं कि आपको बैंक तक आने की जरूरत नहीं होगी, घर पर ही पेंशन मिलेगी। डीएम गाड़ी में बैठकर चले जाते हैं, आंखों में आंसू लिए वृद्धा आवाक रहकर देखती रह जातीं हैं।

कलेक्टर टी अंबाज़गेन ने अपने मातहतों को निर्देश दिया कि इस महिला को हर महीने एक हजार रुपये का वृद्धा पेंशन दिया जाए।
बता दें कि एक जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर को पता चला था कि एक महिला घनघोर गरीबी में जिंदगी गुजार रही है। लोगों ने कलेक्टर से अपील की थी कि इस महिला की कुछ मदद की जाए। इसके बाद कलेक्टर महिला के घर पहुंचे। कलेक्टर के इस पहल की चारों ओर तारीफ हो रही है।

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