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पुराने iPhone को स्लो करने के मामले में फंसा Apple, 8.3 अरब रुपये का जुर्माना देना होगा

Arun Mishra
19 Nov 2020 8:02 AM GMT
पुराने iPhone को स्लो करने के मामले में फंसा Apple, 8.3 अरब रुपये का जुर्माना देना होगा
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कंपनी पर 2016 में एक अपडेट के जरिए पुराने iPhone को स्लो करने का आरोप था जिसकी जांच अमेरिका के लगभग 34 राज्य कर रहे थे.

अमेरिकी टेक कंपनी एपल पुराने फोन को स्लो करने के मामले में 113 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 अरब रुपये) का जुर्माना देगी. कंपनी पर 2016 में एक अपडेट के जरिए पुराने iPhone को स्लो करने का आरोप था जिसकी जांच अमेरिका के लगभग 34 राज्य कर रहे थे. इसके बाद एपल पर इस मामले को लेकर मुकदमा चलाया गया था और अब इसके बारे में बताते हुए स्टेट ऑफिशियल्स ने कहा है कि सेटलमेंट के लिए कंपनी 113 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगी.

आपको बता दें कि इससे पहले मार्च में भी कंपनी ऐसे ही एक मामले को लेकर 500 मिलियन डॉलर की पेनाल्टी दे चुकी है. इसमें एरिजोना, अर्कांसस और इंडियाना ने एपल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था क्योंकि यहां के बहुत सारे यूजर्स इससे प्रभावित हुए थे.

जानें क्या है पूरा मामला

2016 में एपल ने Phone 6, iPhone 6s, iPhone 6s Plus, iPhone 7, iPhone 7 Plus और iPhone SE के लिए अपडेट जारी किया था जिससे चिप की स्पीड प्रभावित हो जाए और डिवाइस की उम्र बढ़ाने वाली बैटरी फोन के प्रोसेसर को पावर स्पाइक्स न भेज सके और फोन अचानक से बंद हो जाए. कंपनी ने यूजर्स को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी और इस अपडेट के बाद पुराने आईफोन स्लो हो गए. जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि फोन में परेशानी न आए और बैटरी के चलते फोन बंद न हों, इसलिए उन्होंने ऐसा किया है.

34 राज्यों ने दायर की याचिका

एपल की ओर से दी गई सफाई के बाद अमेरिका के 34 राज्यों ने कोर्ट पहुंच कर इस मामले के जांच की मांग की. राज्यों का कहना था कि कंपनी ने लोगों को भ्रामक जानकारी दी है और लोगों को इस परेशानी के बारे में नहीं बताया. एपल लोगों को नए और महंगे आईफोन खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है. कंपनी पुराने फोन को अपडेट के जरिए स्लो कर रही है ताकि लोग उसके महंगे और नए मॉडल्स के फोन खरीदें.

Apple ने क्या कहा

एपल के प्रवक्ता ने इस सेटलमेंट को लेकर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया. इसके साथ कंपनी ने कुछ भी गलत करने या कानून को तोड़ने की बात से भी इनकार किया है. हालांकि दिसंबर 2017 में एपल ने बैटरी स्लो करने की बात पर हामी भरी थी, लेकिन साथ में ये भी कहा कि ये इसलिए किया गया ताकि बैटरी सेफ रखी जा सके और फ़ोन को अनचाहे शटडाउन से बचाया जा सके.

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