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मौजूदा नियमों में बदलाव, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ और आसान
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों के परेशानियों को देखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने के मौजूदा नियमों में बदलाव करते हुए इसे आसान बना दिया है। नए नियम के अनुसार, निजी वाहन निर्माताओं, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, गैर-लाभकारी संगठनों (एनजीओ) या कानूनी निजी फर्मों सहित विभिन्न संस्थाओं को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमित दी गई है। फिर ये निर्धारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की नई सुविधा के साथ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। मंत्रालय ने दो अगस्त, 2021 को जारी बयान में कहा, "वैध संस्थाएं जैसे कंपनियां, गैर सरकारी संगठन, निजी प्रतिष्ठान/ऑटोमोबाइल एसोसिएशन/वाहन निर्माता संघ/स्वायत्त निकाय/निजी वाहन निर्माता चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे।"
मंत्रालय द्वारा अधिसूचित की गई ये संस्थाएं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मौजूदा सुविधा के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में सक्षम होंगी। वे मान्यता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
परिवहन मंत्रालय के दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि इसके लिए आवेदन करने वाली कानूनी इकाई यानी वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवी) नियम, 1989 के तहत निर्धारित भूमि पर आवश्यक बुनियादी ढांचा या सुविधाएं होनी चाहिए। उनके पास स्थापना के बाद से एक साफ रिकॉर्ड भी होना चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है, "आवेदक को राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में केंद्र चलाने के लिए पर्याप्त संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए अपनी वित्तीय क्षमता दिखानी होगी।"
केंद्र सरकार ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग केंद्रों को चलाने के लिए कोई आर्थिक मदद या अनुदान नहीं देगी। हालांकि, संस्थाएं कॉर्पोरेट क्षेत्र से या केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत या कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत मदद मांग सकती हैं।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त केंद्रों को ऑनलाइन पोर्टल बनाना होगा जिसमें प्रशिक्षण कैलेंडर, ट्रेनिंक कोर्स स्ट्रक्चर (प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संरचना), प्रशिक्षण घंटे और कार्य दिवसों की जानकारी देनी होगी। इस ऑनलाइन पोर्टल में प्रशिक्षण / प्रशिक्षित लोगों की लिस्ट, प्रशिक्षकों की डिटेल्स, ट्रेनिंग के नतीजे, उपलब्ध सुविधाएं, छुट्टियों की सूची, ट्रेनिंग फीस, जैसी कई जानकारी भी होनी चाहिए।