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अब सिर्फ 150 मिनट में पूरा होगा Delhi से Dehradun का सफ़र, बनेगा ExpressWay 8 लेन का
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का दौरा कार्यक्रम था। इस दौरान वे 18 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले अलग-अलग प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास का भी कार्यक्रम रखा गया था। प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली-देहरादून आर्थिक कॉरिडोर सहित 11 विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखे जाने की भी बात सामने आई है। कॉरिडोर बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। इस रोड पर 16 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाए जाने की भी योजना है। इस रोड के बन जाने से वन्य जीव बड़े आराम से विचरण कर सकेंगे। देहरादून और मसूरी जाने वाले सैलानी भी इस कॉरिडोर से सुंदर दृश्य का आनंद ले सकेंगे।
इस एलिवेटेड कॉरिडोर के बन जाने से सहारनपुर से गणेशपुर-मोहंद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से जुड़ जाएंगे। बता देंगे कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग 72A के 28 किलोमीटर के हिस्से के साथ चलेगा। दरअसल इस क्षेत्र मे हाथियों और वन्यजीवों का निवास है जबकि मौजूदा टू-लेन हाइवे से जानवरों की आवाजाही होती है। लेकिन अब एलिवेटेड कॉरिडोर से यात्रा से इसमें भारी कमी आने की सम्भावना है।
घटेगा यात्रा का समय
जंगल के एक ओर राजाजी टाइगर रिजर्व स्थित है। जबकि दो लेन वाला NH 72A देहरादून तक जाता है। अभी यहाँ ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर रूप से है। इतना ही नहीं मोहंद और दाता काली मंदिर को जोड़ने वाले 12 किलोमीटर वाले भाग सहित 28 किलोमीटर के रास्ते से जान-आने में भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जो यात्रा 40 मिनट की होती है, ट्रैफिक जाम से वह 1-2 घंटे तक की हो जाती है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी बताते हैं कि पहाड़ी में कुल 120 क्षैतिज वक्र हैं, जिस कारण गाड़ियों की स्पीड 25-30 किमी प्रति घंटे तक कम हो जाती है।
दो भाग में पूरा होगा प्रोजेक्ट
अधिकारियों के मुताबिक, एलिवेटेड हाईवे देश की ऐसी पहली सड़क होगी, जो वन क्षेत्र से गुजरेगी। 16 किलोमीटर का कॉरिडोर दो खंडों में बनाया बनाया जाना है। पहले खंड को मोहंद और दाता काली मंदिर के बीच 12 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा। दूसरा खंड दाता काली मंदिर से आगे आशरोड़ी तक 4 किमी का विस्तार होगा।
वन्यजीवों को भी देखा जा सकेगा
जानकारी के मुताबिक, एलिवेटेड हाइवे नदी के साथ-साथ राजाजी टाइगर रिजर्व के बगल में चलेगा। प्रोजेक्ट मे शामिल अधिकारियों से यह जानकारी मिली है कि पुराने हाइवे से वन्यजीव आराम से निकल सकेंगे। लोगों के आने जाने के लिए एलिवेटेड हाइवे होगा। इस निर्माण के पूरा होने के बाद दाता काली मंदिर 10 मिनट के अंदर पंहुचा जा सकेगा। इस दौरान लोगों को वन्यजीवों को भी करीब से देखने का मौका मिल सकता है।
150 मिनट में दिल्ली से देहरादून
आधिकारिक रूप से यह भी जानकारी सामने आई है कि आर्थिक कॉरिडोर के कारण दिल्ली और देहरादून के बीच ड्राइविंग समय घटकर 150 मिनट रह जाएगी। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के क्षेत्रीय निदेशक अनिल तनेजा बताते हैं कि कॉरिडोर से क्षेत्र में पर्यटन का विस्तार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि 'पर्यटकों के लिए समय मायने रखता है, ऐसे में यह परियोजना निश्चित रूप से पहाड़ियों में पर्यटन उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित होगी।'
कितना आएगा खर्चा
इस परियोजना की कुल लागत 8,300 करोड़ रुपये आने का अनुमान है, इस निर्माण कार्य को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एलिवेटेड हाइवे के लिए रास्ता बनाने के लिए 10,000 से अधिक पेड़ों को काटना होगा। 2,000 से अधिक पेड़, विशेष रूप से साल वन में, देहरादून डिवीजन में कटाई होगी। यूपी वन डिवीजन में 10,000 से अधिक पेड़ को काटना होगा। डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) देहरादून, नीतीश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि 'एक्टिविस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और मामले को आगे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पास भेज दिया गया। ट्रिब्यूनल से 2 दिसंबर को अपने आदेश में संबंधित पक्षों से एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा गया था'