लाइफ स्टाइल

INDIA में बंद हो सकता है WhatsApp, जानिए क्यों?

Special Coverage News
7 Feb 2019 2:21 PM IST
INDIA में बंद हो सकता है WhatsApp, जानिए क्यों?
x
फेसबुक के स्वामित्व वाली WhatsApp डिफाल्ट रूप से एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की पेशकश करता है, जिसका मतलब यह है कि केवल भेजनेवाला और प्राप्त करनेवाला ही संदेश को पढ़ सकता है और यहां तक कि WhatsApp भी अगर चाहे तो भेजे गए संदेशों को पढ़ नहीं सकता है.

भारत में कारोबार कर रहीं सोशल मीडिया कंपनियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित कुछ नियम अगर लागू हो जाते हैं तो इससे WhatsApp के वर्तमान रूप के अस्तित्व पर भारत में खतरा आ जाएगा. कंपनी के एक शीर्ष कार्यकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारत में WhatsApp के 20 करोड़ मासिक यूजर्स हैं और यह कंपनी के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. कंपनी के दुनिया भर में कुल 1.5 अरब यूजर्स हैं. यहां एक मीडिया कार्यशाला से इतर WhatsApp के कम्युनिकेशन प्रमुख कार्ल वूग ने कहा कि, प्रस्तावित नियमों में से जो सबसे ज्यादा चिंता का विषय है, वह मैसेजेज का पता लगाने पर जोर देनाहै.

फेसबुक के स्वामित्व वाली WhatsApp डिफाल्ट रूप से एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की पेशकश करता है, जिसका मतलब यह है कि केवल भेजनेवाला और प्राप्त करनेवाला ही संदेश को पढ़ सकता है और यहां तक कि WhatsApp भी अगर चाहे तो भेजे गए संदेशों को पढ़ नहीं सकता है. वूग का कहना है कि इस फीचर के बिना WhatsApp बिल्कुल नया उत्पाद बन जाएगा.

अमेरिका में बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल में उनके प्रवक्ता के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने कहा,प्रस्तावित बदलाव जो लागू होने जा रहे हैं, वह मजबूत गोपनीयता सुरक्षा के अनुरूप नहीं हैं, जिसे दुनिया भर के लोग चाहते हैं. उन्होंने कहा, हम एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मुहैया कराते हैं, लेकिन नए नियमों के तहत हमें हमारे उत्पाद को दोबारा से गढ़ने की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में मैसेजिंग सेवा अपने मौजूदा स्वरूप में मौजूद नहीं रहेगी.

वूग ने नए नियम लागू होने के बाद भारतीय बाजार से बाहर निकल जाने की संभावना को खारिज नहीं करते हुए आईएएनएस से कहा, इस पर अनुमान लगाने से कोई मदद नहीं मिलेगी कि आगे क्या होगा. इस मुद्दे पर भारत में चर्चा करने के लिए एक प्रक्रिया पहले से ही है.

एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अफवाह फैलानेवाले अभियुक्तों तक पहुंचना मुश्किल होता है. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नियमों के तहत उनके अपनी सेवाओं के दुरुपयोग और हिंसा फैलाने से रोकने के लिए एक उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा.

Next Story