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हैदराबाद गैंगरेप: मोर्चरी में रखे सभी आरोपियों के शव सड़ने की आशंका, अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट से कही ये बात

Special Coverage News
19 Dec 2019 8:45 AM GMT
हैदराबाद गैंगरेप: मोर्चरी में रखे सभी आरोपियों के शव सड़ने की आशंका, अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट से कही ये बात
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डॉक्टर दिशा के साथ गैंगरेप के सभी आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने 6 दिसंबर को सुबह करीब 6 बजे के आसपास एनकाउंटर में मार गिराया था.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर 'दिशा' के साथ हुए गैंगरेप के सभी चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. आरोपियों को मारने के बाद उनके शवों को बीते करीब 2 हफ्तों से गांधी अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है. अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि वे आरोपियों के शवों को अब और ज्यादा दिनों तक नहीं रख सकते, क्योंकि उनके खराब होने का खतरा बढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी आरोपियों के शवों को जांच के लिए यहां रखा गया था, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. लिहाजा, अस्पताल प्रशासन अभी तक शवों को उनके परिजनों को हैंडओवर नहीं कर पा रहा है.

अस्पताल प्रशासन ने अब इस मामले में अदालत से गुहार लगाई है कि वे इस पर जल्द से जल्द निर्देश दें ताकि आगे की कार्यवाही पूरी की जा सके. फॉरेंसिक अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सभी शव अभी तक ठीक हैं, लेकिन इनके लिए समयसीमा तय की जानी चाहिए कि इन्हें कब तक और कैसे रखना है. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक विशेष जांच दल सभी आरोपियों के मारे जाने की जांच कर रहा है. ये जांच मुख्य रूप से हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई पर की जा रही है कि पुलिस ने आरोपियों को अपने बचाव के प्रयास में शूट किया था या फिर उन्हें जान-बूझकर मारा गया था.

डॉक्टर दिशा के साथ गैंगरेप के सभी आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने 6 दिसंबर को सुबह करीब 6 बजे के आसपास एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस मामले में सबूत इकट्ठा करने के लिए सभी आरोपियों को उसी जगह लेकर गई थी, जहां उन्होंने महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. जिसके बाद आरोपियों ने पुलिस की पिस्टल छीनकर उन पर फायरिंग की थी और भागने की भी कोशिश की थी. जिसके बाद पुलिस ने अपने बचाव में जवाबी फायरिंग करते हुए सभी आरोपियों को ढेर कर दिया था. हैदराबाद पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल भी उठे, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा था.

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