हैदराबाद

लव जिहाद कानून की मांग पर बोले ओवैसी- अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध करने वाले पहले संविधान पढ़ें

Arun Mishra
22 Nov 2020 2:21 PM IST
लव जिहाद कानून की मांग पर बोले ओवैसी- अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध करने वाले पहले संविधान पढ़ें
x
ओवैसी ने कहा, 'ऐसे कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन होंगे।

हैदराबाद : एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लव जिहाद पर कानून लाने वाले राज्‍यों को संविधान पढ़ने की नसीहत दी है। ओवैसी का कहना है कि ऐसा कोई भी कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन है। बीजेपी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाकर ओवैसी ने कहा कि यह महज ग्रेटर हैदराबाद म्‍युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनावों (जीएचएमसी) को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं।

ओवैसी ने कहा, 'ऐसे कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन होंगे। अगर ऐसा ही करना है तो स्‍पेशल मैरिज ऐक्‍ट को ही खत्‍म कर दें। नफरत का यह दुष्‍प्रचार नहीं चलेगा। बीजेपी बेरोजगार युवाओं को भटकाना चाहती है। हैदराबाद में बाढ़ आई थी मोदी सरकार ने उस समय क्‍या मदद दी? मोदी सरकार जीएचएमसी चुनावों को सांप्रदायिक रंग देना चाहती है लेकिन इस बार यह काम नहीं करेगा क्‍योंकि लोग असलियत जानते हैं।'

'बीजेपी नेता ओवैसी का ही नाम लेंगे'

ओवैसी ने आगे कहा, 'अगर आप बीजेपी के नेता को रात में जगाकर कुछ भी पूछेंगे तो उनके मुंह से ओवैसी, गद्दार, आतंकवाद और आखिर में पाकिस्‍तान का नाम निकलेगा। बीजेपी को बताना चाहिए कि तेलंगाना खासकर हैदराबाद को उन्‍होंने साल 2019 के बाद कौन सी आर्थिक मदद दी।'

यूपी ने किया है लव जिहाद पर सख्‍त कानून का ऐलान

हाल ही में यूपी सरकार ने अपने यहां कथित लव जिहाद को रोकने के लिए सख्‍त कानून लाने का ऐलान किया है। ऐसी ही घोषण मध्‍य प्रदेश ने भी की है। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने ने 30 अक्टूबर को जौनपुर जिले में एक चुनावी सभा में कहा था कि राज्य सरकार लव जिहाद को सख्ती से रोकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक फैसले में कहा था कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना जरूरी नहीं है।उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

यूपी सरकार का यह है मसौदा

मसौदे में जबरन, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन कराने को अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही गई है। कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में आरोपी को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल, न्याय विभाग इस पर मंथन कर रहा है। पूर्व में विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण पर रोकथाम कानून बनाने के लिए यूपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौंपा था। आयोग ने दूसरे राज्यों में लागू कानून की बारीकियों को देखते हुए अपना प्रस्ताव बनाया था।

कानून के खास प्रावधान

1.यदि लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ विवाह के लिए किया गया तो विवाह शून्य घोषित किया जा सकेगा।

2. धर्म परिवर्तन पर रोक संबंधी कानून बनाने को विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश फ्रीडम ऑफ रीजनल बिल मुहैया करा दिया है।

3. यह अपराध गैरजमानती होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।

4. जबरन या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में 5 साल तक की सजा और 15 हजार रुपये तक जुर्माना होगा।

5. नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में दो से सात साल तक की सजा और कम से कम 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।

6. सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।

7. धर्म परिवर्तन के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को एक माह पहले सूचना देना अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर 6 माह से तीन साल तक की सजा का प्रावधान।

8. अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी संस्था या संगठन भी सजा के पात्र होंगे।

मध्‍य प्रदेश के कानून के ये होंगे नियम

एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में लव के नाम पर जिहाद की इजाजत नहीं होगी। राज्‍य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसे रोकने के लिए हम इसी सत्र में कानून ला रहे हैं। इस कानून के तहत लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ पीड़ित के अभिभावक और परिजन शिकायत कर सकते हैं। अगर कोई अपनी मर्जी से धर्मांतरण करना चाहता है तो उसके एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना होगा। इसमें जबरदस्ती, धोखे से और जबरन धर्मांतरण करवा कर शादी करना अपराध है। इस मामले में सजा हो जाने पर शादी शून्य हो जाएगा। केस दर्ज होने के बाद पुलिस बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, फिर कोर्ट से जमानत लेनी होगी। दोषी पाए जाने पर इसमें 5 साल तक की सजा होगी। साथ ही मदद करने वालों को भी उतनी ही सजा होगी।

Next Story