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आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से कांग्रेस के लिए खुशखबरी तो बीजेपी और तेलंगाना पार्टी को झटका!
वाह! भारत की राजनीति में कुछ भी हो सकता है। तेलुगू देशम पार्टी ने तेलांगना विधानसभा चुनाव से कांग्रेस से हाथ मिलाने की शुरुआत कर दी। पहले इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। तेलुगू देशम का जन्म ही कांग्रेस के विरोध में हुआ था।
कांग्रेस द्वारा वहां के मुख्यमंत्री को अपमानित करने और बार-बार करने के बाद तेलुगू स्वाभिमान ने तूल पकड़ा। एनटी रामाराव ने इसे मुद्दा बनाकर राजनीति में उतरने का फैसला किया। तेलुगू देशम बनाई। उनका संकल्प था कि कांग्रेस को नेस्तनाबूद करेंगे। तेलुगू देशम का साहित्य पढ़ंेगे तो उसमें कांग्रेस को सबसे बड़ा खलनायक देश को बताया गया है। किंतु आज सिद्धांतों और विचारों की किसको पड़ी है। आज शायद तेलुगू देशम के नेता एवं कार्यकर्ता भी भूल गए होंगे कि उनकी पार्टी का लक्ष्य क्या था। उनकी पार्टी क्यों बनी थी?
लेकिन चन्द्रशेखर राव के लिए इससे चुनौती बढ़ गई है। कांग्रेस, तेलुगू देशम और वाम दलों का गठजोड़ एक सशक्त गठजोड़ होगा प्रदेश में। कांग्रेस के लिए यह बड़ी सफलता है। अगर यह गठबंधन आंध्रप्रदेश में हो गया तो इसका भी असर होगा और केन्द्रीय राजनीति इससे प्रभावित होगी।