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हैदराबाद गैंगरेप: आरोपियों के परिजन नही, अब कोर्ट पहुंचे अस्पताल के लोग,ये है वजह
हैदराबाद। 6 दिसंबर को पुलिस दिशा के आरोपियों को एनकाउंट में चारों आरोपियों की मौत हो गई थी. हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपियों को नेशनल हाईवे 44 के पास एनकाउंटर में मार गिराया गया था. ये वही जगह थी जहां पर चारों आरोपियों ने वेटनरी डॉक्टर के साथ रेप करने के बाद आग लगाकर हत्या कर दी थी. इस एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल भी उठाए गए हैं. कई संगठनों ने इसे फर्जी करार दिया है. लिहाजा आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने घटना के दिन ही चारों शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित करने का आदेश दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल उनके आखिरी आदेश तक आरोपियों के शव सुरक्षित रखा जाएगा. छह महीने के अंदर सुप्रीम कोर्ट में जांच की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
बतादें कि महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप करने के सभी आरोपियों के शवों को अभी भी अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है. एनकाउंटर के 14 दिन बाद भी शवों की जांच पूरी न होने पर उसने खराब होने का खतरा बढ़ गया है. इस संबंध में अब अस्पताल प्रशासन ने हाईकोर्ट से निर्देश मांगा है. हैदराबाद के गांधी हॉस्पिटल के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर के मुताबिक फॉरेंसिक टीम ने इस बात पर चिंता जताई है कि शवों को लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकेगा. अस्पताल प्रशासन ने अदालत से मांग की है कि वह शवों के संबंध में कोई निर्देश दे।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शवों की स्थिति अभी ठीक है पर आगे इन्हें कब तक और कैसे रखा जाना है इसकी समयसीमा भी तय की जाए. एनकाउंटर में चारों आरोपियों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच आयोग गठित की है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच को बताया गया कि एक विशेष जांच दल चारों आरोपियों के मारे जाने के मामले की जांच कर रहा है. जांच टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश में लगी हुई है कि चारों आरोपियों के ऊपर पुलिस ने गोली अपने बचाव में चलाई थी या फिर इन सभी को जानबूझ कर मारा गया है।