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अनूठी मिसाल : जन्म से हैं हिंदू, चर्च को दान किए पांच लाख रु.
तेलंगाना के सिकंदराबाद में रहने वाले मुथियाला दिनेश कुमार ने मन्नत मांगी थी कि अगर उनकी अमेरिका में नौकरी लग गई तो वह अपनी पहली सैलरी 180 साल पुरानी सेंट मैरी चर्च को दान कर देंगे। कुछ महीने बाद दिनेश की मुराद पूरी हो गई और अब दिनेश की दी हुई राशि से चर्च की रिपेयर और रिनोवेशन हो रहा है।
धार्मिक रूढ़ियों को दरकिनार कर एक हिंदू होते हुए भी दिनेश कुमार ने एक चर्च को इतनी बड़ी राशि दान में दी क्योंकि उनकी आस्था यहां से जुड़ी है। उनके भाई एम प्रभु कहते हैं, 'मेरे भाई ने मन्नत मांगी थ कि अगर उनकी नौकरी अमेरिका में लगी तो वह अपनी पहली सैलरी चर्च को दान कर देंगे। पिछले महीने उन्हें न्यू यॉर्क की एक फर्म में जॉब मिल गया तो उन्होंने मदर मेरी को यह भेंट चढ़ा दी।'
साल 2012 से है परिवार को आस्था
क्रिसमस और नए साल के उत्सव से पहले उनका परिवार चर्च में रंग-रोगन और छोटी-मोटी मरम्मत का काम कर रहा है। इस पूरे परिवार की चर्च में उस समय गहन आस्था हुई जब साल 2012 में दिनेश के पिता को हार्ट अटैक हुआ था। प्रभु ने बताया, '2012 में जब मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा उस समय आधी रात को कोई मंदिर नहीं खुला था। मेरी मां का कहीं न कहीं मानना है कि मदर मेरी की कृपा की वजह से ही मेरे पिता इतने भयानक दिल के दौरे से उबर पाए।' इसके बाद से यह पूरा परिवार ही सेंट मेरी चर्च में जाने लगा। चर्च के पादरी स्वर्ण बर्नार्ड कहते हैं, 'पहली बार किसी हिंदू परिवार ने ऐसा किया है। इससे पता चलता है कि आस्था धर्म की दीवारें नहीं देखती।