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69000 Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित
रिपोर्ट अमरेन्द्र सिंह पटेल
69000 Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश की चर्चित 69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई आज 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी थी, लेकिन यह सुनवाई स्थगित हो गई। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच में यह मामले की सुनवाई निर्धारित थी, लेकिन सुनवाई का नंबर ही नहीं आया और आज सभी पक्षकारों को निराशा का सामना करना पड़ा।
पहले 9 सितंबर 2024 को, मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी, और 23 सितंबर को सुनवाई के लिए आदेश दिया था, लेकिन तब भी सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद अगली तारीख 15 अक्टूबर 2024 तय की गई थी, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हो पाई। अब आज की तारीख़ पर सुनवाई नहीं हो सकी, और अब कोर्ट के माध्यम से अगली तारीख़ का नोटिस जारी किया जाएगा।
मामला क्या है?
यह मामला लखनऊ हाई कोर्ट के 13 अगस्त 2024 के फैसले से जुड़ा है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय दिया गया था। इस फैसले को कुछ अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों और राज्य सरकार ने इसे सही माना था और सरकार से इसे लागू करने का आग्रह किया था। हालांकि, सरकार ने अब तक इसे लागू नहीं किया है, और मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
आरक्षित वर्ग के पक्षकारों की स्थिति
अमरेंद्र पटेल, जो कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, ने बताया कि यह भर्ती प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी, और इसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ व्यापक स्तर पर अन्याय हुआ, जिसके कारण उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि लखनऊ हाई कोर्ट के 13 अगस्त 2024 के फैसले के बाद उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी उनके पक्ष में फैसला देगा।
यह मामला लगातार न्यायिक प्रक्रिया से गुजरते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा।