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69000 Teachers Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती, सुप्रीम कोर्ट पर पीड़ित अभ्यर्थियों की नजर, न्याय का इंतजार
69000 Teachers Recruitment: उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69000 शिक्षक भर्ती प्रकरण की सुनवाई बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि अब उनके मामले की सुनावाई हो जाएगी और उन्हें जल्द न्याय मिलेगा। पिछले कई तारीखों पर सुनवाई नहीं हो सकी थी, जिसको लेकर पीड़ित अभ्यर्थी निराश थे।
इस प्रकरण पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर 9 सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी और 23 सितंबर को सुनवाई के लिए आदेश दिया था। लेकिन सुनावाई नहीं हो सकी थी। मामले में अगली तारीख 15 अक्टूबर तय की गई थी। 15 अक्टूबर को भी सुनवाई नहीं हो पाई थी। पुन: अगली तारीख 12 नवंबर के लिए लगाई गई थी लेकिन समयाभाव के कारण उस दिन भी सुनवाई नहीं हो सकी। जिसको लेकर पीड़ित अभ्यर्थी निराश थे।
69000 शिक्षक भर्ती मामले में 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने नई सूची बनाकर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति किये जाने का फैसला सुनाया था। जिसे अनारक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थीयों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है। जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने और सरकार ने इस फैसले को सही माना। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए आग्रह भी किया। लेकिन सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ पायी। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
आरक्षित वर्ग की ओर से आंदोलन व कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही। अब ममला सुप्रीम कोर्ट में आया है हमें पूरी उम्मीद है कि हमें यहां भी न्याय मिलेगा।