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72 साल का हत्यारा डॉक्टर प्रेमी ने महिला मित्र का किया मर्डर, सरसों के पत्तों ने खोला राज
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लाल घेरे में आरोपी रिटायर्ड स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भगवत प्रसाद और उसका नौकर परशुराम (बाएं से दूसरा) ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है।
कानपुर-झांसी सर्विस रोड पर हुई बुजुर्ग महिला के हत्या का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया। उसकी हत्या पूर्व स्वास्थ्य सुपरवाइजर उर्फ डॉक्टर ने की थी। हत्या के बाद अपने नौकर की मदद से बुजुर्ग महिला का शव वह सड़क के किनारे फेंक आया था।
झांसी में 72 साल के एक रिटायर्ड हेल्थ ऑफिसर ने अपनी महिला मित्र की हत्या कर उसका शव हाईवे पर फेंक दिया। हत्या के बाद वह 5 बार शव देखने भी गया। रिटायर्ड ऑफिसर की पत्नी की मौत के बाद घर के पास रहने वाली महिला से उसके प्रेम संबंध बन गए थे। महिला ने नशे में संबंधों का खुलासा करने की धमकी दी, तो बदनामी के डर से उसने महिला को मार दिया।
झांसी के CO डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि आरोपी रिटायर्ड अधिकारी भगवत प्रसाद (72) और उसके नौकर परशुराम (47) से पुलिस पूछताछ में पता चला कि वारदात 19 दिसंबर को हुई थी। दिन में ही उसने खेत के पास बने मकान में हत्या की, लेकिन शव को ठिकाने नहीं लगा पाया। हत्या के बाद वह बिल्कुल भी नहीं घबराया और अंधेरा होने का इंतजार किया। इस बीच उसने अपने नौकर को शव ठिकाने लगाने के लिए राजी कर लिया।
भगवत और उसका नौकर देर रात कार से शव को कानपुर हाईवे पर ले गए और उसे सर्विस रोड पर फेंक दिया। इसके बाद आरोपी घर आकर सो गए। भगवत दाे दिन में 5 बार शव देखने के लिए मौके पर भी गया। जब 21 दिसंबर को पुलिस ने शव बरामद किया, तो उसे भी इसकी जानकारी मिल गई। हालांकि, उसकी चालाकी काम नहीं आई और 23 दिसंबर को पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
सरसों के पत्तों और तार ने खोला राज
पुलिस को जब महिला का शव मिला था, तो शव के पास तार और सरसों के पत्ते भी मिले थे। जब पुलिस भगवत के घर पहुंची तो वहां भी उसी तरह का तार बरामद हुआ। हालांकि, दोनों कत्ल से इनकार करते रहे। जब पुलिस ने आसपास के CCTV कैमरे चेक किए तो दोनों देर रात कार से जाते नजर आए। कार की सीट पर खून के निशान और सरसों के पत्ते मिले। इससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया।
मृत महिला का नाम सावित्री था। वह अपने पति और बच्चों से अलग रहती थी। वह पिछले 10 साल से भगवत के घर के पास ही रह रही थी। भगवत की पत्नी की 11 साल पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में भगवत और महिला के बीच नजदीकियां बढ़ गई थीं। घटना वाले दिन सावित्री शराब के नशे में थी और भगवत को बेनकाब करने की धमकी दे रही थी। भेद खुलने पर समाज में बदनामी के डर से उसने वारदात को अंजाम दिया था।