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उत्तर प्रदेश का एक ऐसा गांव जहां वोटरों ने नहीं किया मतदान, बैरंग लौटी पोलिंग पार्टी
कुंदरकी विधानसभा सीट के नगला जटनी गांव में सड़कें नहीं बनवाए जाने से खफा ग्रामीणों ने मतदान करने से साफ इंकार कर दिया। दिनभर ग्रामीण जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। एडीएम और एसपी गांव में पहुंचे, लेकिन उनके आश्वासन पर भी ग्रामीण मतदान के लिए राजी नहीं हुए। सोमवार शाम मतदान का निर्धारित समय समाप्त होने के बाद पोलिंग पार्टी बैरंग लौट गई।
कुंदरकी ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत बाकीपुर जटनी का मझरा ग्राम नगला जटनी रामगंगा नदी के पास बसा है। इस गांव के लोग हर साल बाढ़ की मार भी झेलते हैं। बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से नगला जटनी के ग्रामीणों का आवागमन भी बंद हो जाता है। ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं सरकारी स्कूल, मंदिर, मस्जिद, श्मशान घाट, कब्रिस्तान के अलावा खेतों को आने वाले मुख्य रास्ते की हालत भी खस्ता है। रास्ते में कूड़े के अंबार भी लगे हैं।
गांव की आबादी 1165 है, जिसमें 623 मतदाता हैं। सोमवार को जब मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टी गांव पहुंचीं, तो यहां पर ग्रामीणों ने गांव की मुख्य रास्ते का निर्माण नहीं होने के विरोध में मतदान का बहिष्कार कर दिया। यहां तक पोलिंग बूथ पर किसी भी प्रत्याशी का एजेंट भी नहीं बन सका। इस दौरान पोलिंग पार्टी ने ग्रामीणों से मतदान करने का अनुरोध किया, तो ग्रामीण अपनी समस्याएं गिनाने लगे।
मतदान बहिष्कार की सूचना मिलने पर पहले बीडीओ कुंदरकी श्वेता वर्मा पहुंचीं और उन्होंने समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व युगराज सिंह और एसपी यातायात अशोक कुमार भी गांव पहुंच गए। अधिकारियों ने लोगों को मनाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने कहा कि यहां के लोग आज तक विकास के लिए तरस रहे हैं।
अधिकारियों ने समस्या का समाधान कराने की बात कहीं। इस दौरान गांव निवासी सुनील चौधरी, अवधेश यादव, गंभीर सिंह, दलवीर चौधरी, बान्दू सिंह, शौकीन अली, सुमित चौधरी समेत अन्य ग्रामीणों ने कहा कि डीएम आकर आश्वासन दें, तभी मतदान करेंगे। पीठासीन अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि शाम निर्धारित समय छह बजे तक किसी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। बूथ संख्या 390 का मतदान शून्य रहा है।