- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- Top Stories
- /
- अडानी की संपत्ति में...
अडानी की संपत्ति में गिरावट जारी, आज 33 वें नंबर पर पहुंचे
गौतम अडानी की संपत्ति में लगातार गिरावट जारी आज टॉप 30 से भी हुए बाहर अब 33 वें नंबर पर फिसले जबकि मुकेश अंबानी आज भी अपने 8 वें नंबर पर सुरक्षित बने हुए है
भारत के जाने माने उधोगपति और व्यवसाई गौतम अड़ानी की संपत्ति में गिरावट रुक नहीं रही है। आज अडानी विश्व के टॉप हंड्रेड बिलेनियर्स की सूची में 33 वें स्थान पर पहुँच गए है जबकि भारत के मुकेश अंबानी अपने 8 वें नंबर पर बने हुए है। अड़ानी की संपत्ति में लगातार गिरावट से उनके शेयर खरीद चुके लोगों में निराशा उत्पन्न हो रही है।
भारत मे मोदी सरकार ने निजीकरण की आड़ में सारे बड़े ठेके और सरकारी सम्पत्ति अडानी के हवाले कर दिए !.....यही असली वजह थी आठ सालों में अडानी 609 वे नम्बर से दुनिया के दूसरे नम्बर के पूंजीपति बनने की !.............बस इसे हिंडनबर्ग ने समझ लिया और पूरा कैलकुलेशन कर के उसने अपनी रिपोर्ट पब्लिश कर दी और नतीजा आपके सामने है महीने भर में ही उसकी आधी दौलत साफ़ हो गई है
अडानी को सन 2000 में गुजरात की बीजेपी सरकार ने कौड़ियों के भाव में हजारों एकड़ जमीन बेच दी उसी जमीन पर उसका मुंद्रा पोर्ट खड़ा हुआ है, अडानी पर मोदी लगातर मेहरबान रहे 2013 में, गुजरात में अडानी को 44 परियोजनाएँ प्रदान की गईं।
2014 में जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो अडानी की तरक्की में पंख लग गए
पश्चिमी तट हो या पूर्वी तट एक के बाद एक बंदरगाह अदानी के कब्जे में जाने लगे
मोदी जी ने बने बनाए एयरपोर्ट अडानी को सौप दिए गए 2014 के बाद भारत में अब तक कुल आठ एयरपोर्ट को परिचालन के लिए निजी हाथों में दिये इनमें से सात एयरपोर्ट के प्रबंधन और परिचालन का अधिकार अकेले गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड पास आ गया, नीति आयोग ने कहा कि इस तरह से सारे एयरपोर्ट एक कंपनी को नही देने चहिए लेकिन कौन सुनता है ?
2018 मे मोदी सरकार ने 'सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन' परियोजना को शुरू किया था जैसे ही यह परियोजना शुरू की गई, अडानी ग्रुप की एक कंपनी अडानी गैस की मार्केट वैल्यू 4 दिन के भीतर ही 3 हजार करोड़ रुपए बढ़ गई क्योकि अडानी गैस को मोदी सरकार की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट में बड़ा ऑर्डर दिया गया, .......इस परियोजना के शुरू होते ही पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस रेग्युलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) से अडानी को 13 नए एरिया में सिटी गैस के विस्तार करने का ठेका दे दिया,
2019 में अडानी सड़क निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला लिया और उसके बाद अडानी को देश के हाइवे निर्माण ठेके सौप दिए गए
यूपी की बीजेपी सरकार ने गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण भी अडानी को सौप दिया .....यह देश की किसी निजी कंपनी को दी गई अब तक की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना थी अडानी ग्रुप के मोदी ने हाइवे निर्माण के कुल 13 प्रोजेक्ट दिलवाए जिनके तहत पांच हजार किमी से ज्यादा की सड़कों का निर्माण किया जाना है
बिजली के क्षेत्र में भी अडानी की बादशाहत कायम करवाई गई अडानी की कम्पनी ATL मोदी राज में ही देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी बन गयी है एक समय अडानी पावर प्रोजेक्ट दिवालिएपन के कगार पर था - लेकिन गुजरात में बीजेपी सरकार ने इसे बचा लिया यहां तक कि केंद्र सरकार भी एक ऐसे निर्णय में सहभागी थी, जिसके परिणामस्वरूप गुजरातमें उपभोक्ताओं को बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। दिसंबर 2018 में, गुजरात सरकार ने 2017 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद, अडानी थर्मल पावर प्रोजेक्ट को बिजली के लिए अधिक कीमत वसूलने की अनुमति देने का आदेश पारित किया।
ग्रीन एनर्जी जो आने वाले दिनों में सबसे महत्वपूर्ण होने जा रही है उसके ठेके भी अडानी को दिए गए
अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिए बड़े बड़े साइलो बनाने के ठेका बांटे गए
कॉपर बिजनेस में भी अडानी ग्रुप की एंट्री हो इसलिए SBI समेत दूसरे बैंकों से लिए 6071 करोड़ रुपये का लोन दिलवाया गया , डिफेंस सेक्टर में अडानी को प्रवेश दिलवाया गया यहां तक कि ड्रोन बनाने वाली कंपनी अडानी से खुलवाई गई ताकि एग्रीकल्चर के सर्वे में काम आने वाले ड्रोन उसी से खरीदे कर जाए
और भी बहुत कुछ है कितना बताए !
साफ़ दिख रहा था कि प्रधान मंत्री मोदी किस तरह से शुरू से अडानी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं बस इसी बात को ध्यान में रखकर अडानी ग्रुप की गलत प्रैक्टिस के बारे हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित कर दी और दूध का दूध और पानी का पानी हो गया