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आखिर क्यों रो पड़े नितिन पटेल मिडिया के सामने और बोल दी बड़ी बात!
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता नितिन पटेल एक बार फिर से गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से चूक गए. वो मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे थे, लेकिन उन्हें भूपेंद्र पटेल ने पछाड़ दिया. भूपेंद्र पटेल के पास राजनीति में कुछ वर्षों का ही अनुभव है, लेकिन नितिन करीब 30 वर्षों से राजनीति में एक्टिव हैं.
मुख्यमंत्री की रेस में पिछड़ जाने से नितिन पटेल का मीडिया के सामना दर्द छलक गया. नितिन मीडिया के सामने निराश दिखे. उन्होंने भावुक होकर कहा- उन्हें कोई गिला शिकवा नहीं है, वो पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जब से अहमदाबाद छोड़ दिल्ली की गद्दी संभाली है, तभी से ही गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के लिए नेतृत्व का संकट रहा है. नरेंद्र मोदी के जाने के बाद आनंदी बेन पटेल को कमान मिली, लेकिन उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा और फिर विजय रुपाणी को कमान मिली. अभी हाल ही में विजय रुपाणी ने बतौर मुख्यमंत्री पांच साल पूरे किए थे.
तब (16 अगस्त) गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर. पाटिल ने बयान दिया था कि भारतीय जनता पार्टी विजय रुपाणी, नितिन पटेल की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगी. क्योंकि गुजरात में लंबे वक्त से नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे, ऐसे में पार्टी ने कहा था कि दोनों ही नेता बेहतर काम कर रहे हैं इसलिए बदलाव की कोई ज़रूरत नहीं है.
क्यों लेना पड़ा बीजेपी को ये फैसला?
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी, तब विजय रुपाणी ही मुख्यमंत्री थे. इस बीच कोरोना संकट काल में राज्य सरकार के कामकाज पर काफी सवाल उठे, जिसके कारण विजय रुपाणी के प्रति गुस्सा बढ़ रहा था. वहीं, पटेल समुदाय की नाराजगी लंबे वक्त से बीजेपी के साथ बरकरार थी.
ऐसे में तमाम समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया और पटेल समुदाय के भूपेंद्र पटेल को मौका दिया. बीजेपी पिछले कुछ वक्त में ही कर्नाटक, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बदल चुकी है. वहीं, असम में चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन किया था.