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पुलिस वेरिफिकेशन के बाद छात्रों को मिलेगा देवबंद में एडमिशन, दारुल उलूम का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के सहारनपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद ( Darul Uloom Deoband ) ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश ( Admission ) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दारुल उलूम देवबंद के ताजा के मुताबिक अब विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के दस्तावेजों का पहले पुलिस वेरिफिकेशन ( Police Verification ) होगा। लोकल सतर्कता एजेंसियों की ओर से जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही छात्रों को एडमिशन ( Admission ) दिया जाएगा।
दारुल उलूम देवबंद ( Darul Uloom Deoband ) का इस फैसले के पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि यदि कुछ छात्र किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं तो संस्थान का नाम खराब न हो।
इस बारे में मदरसा के कार्यवाहक कुलपति अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि सेमिनरी अपनी प्रवेश प्रक्रिया के अन्य पहलुओं को भी और अधिक कठोर बनाएगी। ऐस इसलिए किया जा रहा है क्योंकि देवबंद का यह मदरसा अक्सर "संदिग्ध तत्वों को पनाह देने" के लिए आलोचनाओं के घेरे में आता रहता है। इससे संस्थान की छवि खराब होती है।
कुलपति खालिक मद्रासी ने कहा कि लोग छात्रों की आपराधिक कृत्यों के लिए दारुल उलूम को दोषी ठहराते हैं। भले ही संस्थान का काम शैक्षणिक गतिविधियों तक ही सीमित है। संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए हमने सभी नए प्रवेशकों का पुलिस सत्यापन कराने का फैसला किया है।
उलूम शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी का कहना है कि देवबंद ने यह फैसला संस्थान के हित में लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले छात्रों से प्रमाण पत्र हासिल किए जाएंगे। प्रमाण पत्रों की जांच लोकल सतर्कता एजेंसियों से कराई जाएगी। सतर्कता एजेंसियों की जांच कमी सामने आने पर छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट सही मिलने पर देवबंद में छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।