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Agnipath Scheme: 'अग्निवीर' नहीं हैं पेंशन के हकदार तो मैं भी पेंशन छोड़ने को हूं तैयार: वरुण गांधी

Desk Editor Special Coverage
24 Jun 2022 11:00 PM IST
Agnipath Scheme: अग्निवीर नहीं हैं पेंशन के हकदार तो मैं भी पेंशन छोड़ने को हूं तैयार: वरुण गांधी
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रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की नयी ‘‘अग्निपथ योजना” (Agnipath Scheme) पर लगातार सवाल उठा रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने शुक्रवार को कहा कि इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले ‘‘अग्निवीर” यदि पेंशन के हकदार नहीं हैं तो वह भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हैं।

नयी दिल्ली: रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की नयी ''अग्निपथ योजना" (Agnipath Scheme) पर लगातार सवाल उठा रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने शुक्रवार को कहा कि इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले ''अग्निवीर" यदि पेंशन के हकदार नहीं हैं तो वह भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने सांसदों तथा विधायकों के समक्ष यह सवाल उठाया कि क्यों न सभी जनप्रतिनिधि अपनी पेंशन छोड़ दें और ''अग्निवीरों" के लिए पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करें।

ज्ञात हो कि ''अग्निपथ योजना" (Agnipath Scheme) भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लाई गई एक नयी योजना है। इसमें भर्ती होने वाले युवाओं को ''अग्निवीर" के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल चार साल का होगा। सेवानिवृत्ति के बाद वह पेंशन के हकदार नहीं होंगे। सेना में अब सारी भर्ती ''अग्निपथ योजना" के तहत ही होगी। भर्ती के इस नए मॉडल की घोषणा के बाद से ही देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ हिंसक विरोध देखा गया है।

वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने एक ट्वीट में कहा, ''अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नहीं हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह 'सहूलियत' क्यों ? राष्ट्र रक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़ कर यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?" गांधी इससे पहले भी योजना के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं। योजना के प्रावधानों के खिलाफ वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र भी लिख चुके हैं।

''अग्निपथ योजना" 14 जून को घोषित की गई थी। इसमें साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है। चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित की जाएगी। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन होने के बाद सरकार ने पिछले दिनों 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।

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