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मुजफ्फरनगर में माहौल गर्म, अजीत सिंह पहुंचेंगे शोरम गांव तो संजीव बालियान ने संभाला मोर्चा

Shiv Kumar Mishra
23 Feb 2021 5:06 AM GMT
मुजफ्फरनगर में माहौल गर्म, अजीत सिंह पहुंचेंगे शोरम गांव तो संजीव बालियान ने संभाला मोर्चा
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अब बीजेपी के किसान बिल से किसानों की नाराजगी जरूर बढ़ गई है।

मुजफ्फरनगर जिला अब किसान बिल को लेकर चर्चा में आ गया है। जहां पश्चिमी यूपी में नाराज जाट समुदाय को मनाने का प्रयास बीजेपी का विफल होता नजर आ रहा है। फिलहाल शामली में विरोध के बाद अपने खुद के संसदीय क्षेत्र में मंत्री संजीव वालियान के साथ हुई घटना से बीजेपी में खल बली जरुर मची होगी। ये वही जिला है जिसके चलते एक बड़ा मूवमेंट बीजेपी के पक्ष में चला गया जिसके कारण यूपी में पूर्ण बहुमत की और केंद्र में भी पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। अब बीजेपी के किसान बिल से किसानों की नाराजगी जरूर बढ़ गई है।

रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी ने बताया कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह आज दोपहर 11 बजे शौरम पहुंचेंगे। जहां वह पीडित किसानों से मिलकर उनका दुख साझा करेंगे। उधर, केंद्रीय मंत्री डॉ0 संजीव बालियान भी आज दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में व भाजपा का पक्ष रखेंगे। उनके साथ भाजपा के कई बडे नेता भी प्रेस कांफ्रेस में शामिल रहेंगे।

क्या था मामला

शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव शौरम में सोमवार को एक तेहरवीं में शामिल होने गए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान तथा अन्य भाजपा नेताओं के सामने मुर्दाबाद के नारे लगाने को लेकर भाजपा समर्थकों तथा किसानों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस बीच पुलिस द्वारा कुछ किसान आंदोलन समर्थकों को हिरासत में लिए जाने की किए जाने की सूचना से माहौल गर्मा गया। इसके चलते शौरम की ऐतिहासिक चौपाल पर पंचायत बुलाई गई। पंचायत के बाद हजारों किसानों ने थाना शाहपुर का घेराव किया। बाद में 26 फरवरी को शौरम में महापंचायत करने के ऐलान के साथ घेराव समाप्त कर दिया गया। इस मामले में रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी कूद पडे हैं।

शौरम प्रकरण को लेकर शाहपुर थाने पर घंटों तक बडी संख्या में किसान डटे रहे। पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी सहित बडी संख्या में राजनीतिक दलों से जुडे लोग घेराव में मौजूद रहे। बाद में 26 फरवरी को शौरम में महापंचायत का ऐलान करने के साथ घेराव समाप्त करने की घोषणा की गई। रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के खिलाफ तहरीर दी गई है। उन्होने बताया कि शौरम में 26 फरवरी को महापंचायत का ऐलान किया गया है।

सोमवार दोपहर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान अन्य भाजपा नेताओं के साथ शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव शौरम में तेहरवीं के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। तेहरवीं के बाद वह पूर्व ग्राम प्रधान सुधीर चौधरी के निवास पर पहुंचे और उनके पिता से आर्शीवाद लिया। बताया जा रहा है कि इसी बीच कुछ युवाओं द्वारा मुर्दाबाद एवं किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाने के चलते माहौल गर्मा गया और मंत्री समर्थक व किसान आंदोलन समर्थक आमने सामने आ गए। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। इसके कुछ किसानों के चोटिल होने की सूचना है।

जयंत चौधरी ने ट्वीट करके लिखा- सोरम गांव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष

इस घटना के संबंध में रालोद नेता जयंत चौधरी ने ट्वीट किया। जयंत चौधरी ने ट्वीट करके लिखा- सोरम गांव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष, कई लोग घायल! किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम, व्यवहार तो अच्छा रखो. किसान की इज्जत तो करो! इब कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गांववाले? जयंत चौधरी ने घायल किसानों की फोटो भी शेयर की है. इस मारपीट में कई किसान घायल हो गए। उधर इस घटना के बाद शौरम में यह सूचना फैली कि पुलिस ने कुछ किसान आंदोलन समर्थकों को हिरासत में लिया है, जिसके चलते माहौल गर्मा गया और शौरम की ऐतिहासिक चौपाल में पंचायत बुलाई गई। पंचायत में पूर्व मंत्री योगराज सिंह तथा रालोद के कई बडे नेता भी शामिल हुए। पंचायत के बाद हजारों किसानों ने शाहपुर थाने का घेराव किया।

शामली में भी हुआ था विरोध

बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी के मेगा प्लान पर किसानों का गुस्सा भारी पड़ रहा है. नए कृषि कानूनों के फायदे बताने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को रविवार को शामली में भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. शामली के भैंसवाल में संजीव बालियान और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर उनको गांव में घुसने से रोक दिया. इस विरोध पर संजीव बालियान ने कहा था कि 10 लोगों के विरोध करने से और मुर्दाबाद बोलने से मैं मुर्दाबाद नहीं हो जाऊंगा. विरोध के कारण मंत्री का काफिला गांव से लौट गया था।

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