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हेलिकॉप्टर रोकने का अखिलेश का दावा झूठा? जानें दिल्ली में क्यों करना पड़ा इंतजार
दिल्ली में हेलिकॉप्टर रोकने जाने को लेकर किया गया अखिलेश यादवा का दावा झूठा था? सरकारी सूत्रों ने अखिलेश यादव के आरोप को गलत बताते हुए कहा है कि ट्रैफिक कंजेक्शन और ईंधन भरवाने की वजह से उनका हेलिकॉप्टर रुका था। ईंधन भरवाने के तुरंत बाद हेलिकॉप्टर को उड़ान की इजाजत मिल गई थी। सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि कमर्शियल उड़ानों को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है।
इससे पहले शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के लिए निकले अखिलेश यादव ने दिल्ली से ट्वीट किया कि उनके हेलिकॉप्टर को बेवजह दिल्ली में रोक लिया गया है। बीजेपी की साजिश बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें मुजफ्फरनगर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ''मेरे हेलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है। जनता सब समझ रही है।''
अखिलेश के इस ट्वीट के करीब आधे घंटे बाद उन्होंने एक दूसरा ट्वीट करते हुए बताया कि उनके हेलिकॉप्टर को उड़ने की इजाजत मिल गई है। अखिलेश ने इसे जीत की उड़ान बताते हुए ट्वीट किया, ''सत्ता का दुरुपयोग हारते हुए लोगों की निशानी है… समाजवादी संघर्ष के इतिहास में ये दिन भी दर्ज होगा! हम जीत की ऐतिहासिक उड़ान भरने जा रहे हैं…।''
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर में एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस
मुजफ्फरनगर देरी से पहुंचने को लेकर पत्रकारों से माफी मांगते हुए अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह नहीं बता सकते कि क्यों उनके हेलिकॉप्टर को रोककर रखा गया। उन्होंने कहा, ''मुझे घंटों हेलिकॉप्टर में बैठे रहना पड़ा। दोबारा रिफ्यूल करवाना पड़ा। जिसकी वजह से वह यहां पहुंच पाए हैं उन्हें शुक्रिया।'
अखिलेश और जयंत चौधरी ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि गठबंधन की सरकार बनी तो वह किसानों के लिए क्या काम करेंगे। बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने चुनाव में गड़बड़ी की आशंका भी जाहिर की। बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा वह चुनाव आयोग को लिखित में शिकायत भी करेंगे। गौरतलब है कि 2014 के बाद कई चुनावों में गैर-भाजपाई दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। हाल के समय में संभवत: पहली बार पोस्टल बैलेट में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जयंत चौधरी ने अपने एक प्रत्याशी को 24 घंटे बीत जाने के बावजूद चुनाव आयोग से 'वीडियो वैन' चलाने की अनुमति नहीं मिलने पर नाखुशी जाहिर की। इसके बाद उन्होंने कहा, ''कर्मचारियों में बहुत रोष है और नाराजगी है सरकार से, वे उम्मीद के साथ गठबंधन की तरफ देख रहे हैं, ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) की बात अखिलेश जी ने कही है, और भी वादे किए हैं हमने। पोस्ट बैलेट की व्यवस्था में अधिकारी उनके वोटर आई कार्ड मंगवा रहे हैं। मैं अपील करूंगा कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों से जिनकी वोट पोस्टल बैलेट से पड़नी है, सतर्क रहें। बैलेट पेपर लेकर वोट बनाकर ही दें, अपने वोटर कार्ड को अधिकारी को मांगने पर भी ना दें।''
अखिलेश यादव ने जयंत की बात पर सहमति जताते हुए कहा, ''जयंत चौधरी जी ने ठीक बात कही है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को लगाया गया है कि वो दबाव बनाकर उनके वोटर आईडी ले लें या आधार ले लें, हो सकता है कि जिस तरह से जिला पंचायत में अधिकारियों ने मनमर्जी से वोट डलवाए थे, इसमें भी लोगों पर दबाव बना रहे हैं। हम भी चुनाव आयोग को इस बात को लिखकर देंगे।''