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CM योगी आदित्यनाथ के 'गर्मी' वाले बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार
उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है। इसी के तहत आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के जयंत चौधरी शामली पहुंचे हैं। यहां इन दोनों ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर योगी सरकार पर निशाना साधा।
योगी आदित्यनाथ के गर्मी निकाल लेने के बयान पर अखिलेश ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी नहीं हो सकती है। चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। जहां तक गर्मी का सवाल है जिस दिन गर्मी खत्म हो जाएगी हम सब मर जाएंगे। जितने भी लोग हैं अगर उनका खून गर्म नहीं रहेगा तो कोई जिंदा नहीं रहेगा।वहीं जयंत चौधरी ने कहा कि सभी किसान, व्यापारी, मजदूर, गरीब और युवा एकजुट होकर आने वाली 10 तारीख को योगी बाबा को कंबल देकर गोरखपुर मठ में भेजने का काम करें।
वहीं अखिलेश ने बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीब विरोधी बजट को मोदी सरकार अमृत बजट कह रही है। उन्होंने पूछा, अगर ये बजट अमृत बजट है तो पिछले बजट क्या जहरीले बजट थे? कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी के लोग सोचते हैं कि हम शब्दों के खिलवाड़ से लोगों को भ्रमित कर सकते हैं। अमृतकाल का बजट अमृत कहना क्या यह सही है, पिछले वाले जहर समान थे क्या। सही मायनों में देखें तो भारतीय जनता पार्टी ने हीरे सस्ते किए, चप्पल जूते सस्ते किए। हीरे सस्ते करने से क्या गरीबों का लाभ होगा?
अखिलेश आगे बोले, सच तो ये है कि रोजगार को लेकर और अपनी परेशानियों को लेकर लोगों के जूते-चप्पल घिस गए और एक भी परेशानी का ये लोग निराकरण नहीं कर पाए हैं। पूर्व सीएम ने अपने गठबंधन के बारे में कहा कि भारतीय जनता पार्टी जहां नकारात्मक राजनीति कर रही है, वहीं गठबंधन भाईचारा को लेकर आगे बढ़ेगा और मुझे खुशी है कि शामली में भाईचारा का स्तंभ बनेगा। गठबंधन के तीनों प्रत्याशी यहां से ऐतिहासिक जीत जीतकर जाएंगे।
अखिलेश ने कहा कि हम जनता को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि जो समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने वादे किए हैं वो वादे पूरे करेंगे। यहां के कर्मचारियों की हमेशा मांग रही कि ओल्ड पेंशन बहाल हो। मैं अपने कर्मचारी भाइयों और कर्मचारी संगठनों से वादा करता हूं कि पुरानी पेंशन बहाल होगी। वहीं घरेलू बिजली के लिए 300 यूनिट और सिंचाई के लिए पहले वाली व्यवस्था लागू होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि ये चुनाव भाईचारा बनाम भाजपा है। इस चुनाव में किसान सपा-रालोद गठबंधन के साथ है। जिससे भाजपा नेता परेशान है। उत्तराखंड में एक हजार गांव से पलायन हुआ है। कहा कि भाजपा ने इसकी वजह जानने के लिए आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री का राजनीतिक पलायन होने जा रहा है। भाजपा इन्हें मुख्यमंत्री बनाकर परेशान है। उन्हें अभी से घर भेज दिया है। सपा की सरकार में जितना कार्य हुआ, पहले कभी नहीं हुआ।
जयंत चौधरी ने कहा इस चुनाव में गन्ना जीतेगा, जिन्ना हारेगा। सरकार ने बजट में किसानों के हित और रोजगार सृजन के लिए कोई घोषणा नहीं की। नौजवान काफी उम्मीद लगाए बैठे थे। किसानों पर डबल इंजन सरकार की मार पड़ रही है।