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Allahabad High Court: कोर्ट की रोक के बावजूद चला दिया बुलडोजर, हाईकोर्ट ने लगाई अफसरों को फटकार
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अदालत की रोक के बावजूद बुलंदशहर जिले में एरो सिटी रेजिडेंसी प्रोजेक्ट (Arrow City Residency Project) पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर नाराजगी जहिर की है. गहरी नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है. इस मामले में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह समेत कई अफसरों को हाई कोर्ट में तलब कर लिया गया है.
जानकारी के अनुसार एरो सिटी रेजिडेंसी प्रोजेक्ट पर कोर्ट का स्टे है. इसक बाद इसे बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया. इस कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने कहा है कि यह सभी अधिकारी या तो नुकसान की भरपाई करें या फिर 16 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर कोर्ट में खुद मौजूद रहें. यहां 29 मार्च को बुलडोजरों के जरिए धवस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी.
यह अधिकारी हुए तलब
अदालत ने जिन अधिकारियों को तलब किया है, उनमें यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह, ओएसडी शैलेंद्र सिंह, डीजीएम राजेंद्र कुमार भाटी, सीनियर मैनेजर विकास कुमार, बुलंदशहर के एसडीएम राकेश कुमार और तहसीलदार विनय भदौरिया शामिल हैं.
दिसंबर में लगाई थी हाईकोर्ट ने रोक
गौरतलब है कि बुलंदशहर के झाझर इलाके में एरो सिटी रेजिडेंसी प्रोजेक्ट के खिलाफ धवस्तीकरण का फैसला लिया गया था. यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के इस फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर महीने में रोक लगा दी थी. अथॉरिटी और बुलंदशहर जिला प्रशासन ने इस रोक के बावजूद 29 मार्च को बुलडोजरों के जरिए इसे गिरा दिया. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की गई.
अदालत की अवमानना की होगी कार्रवाई
जस्टिस सरल श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में अदालत ने कोर्ट की रोक के बावजूद धवस्तीकरण किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई. इस दौरान आधा दर्जन अफसरों को तलब कर लिया. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी या तो नुकसान की भरपाई करें या फिर कोर्ट में मौजूद होकर अवमानना की कार्रवाई का सामना करें. अदालत इस मामले में 16 अगस्त को फिर से सुनवाई करेगी.