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सेब की चमक और ताजगी बन सकती है बीमारी की वजह, केस स्टडी में खुलासा

Sakshi
5 April 2022 12:28 PM GMT
सेब की चमक और ताजगी बन सकती है बीमारी की वजह, केस स्टडी में खुलासा
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रिसर्चर्स के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब में 13 प्रतिशत पर कैंडिडा ऑरिस (Candida Auris) नमक फफूंद (Fungus) मिला है।

सेहत के लिए सेब खाने के फायदे तो सभी को पता हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी सेहत का फायदा देने वाला सेब आपको बहुत गंभीर रूप से बीमार भी कर सकता है। खास मौसम में आने वाला सेब ग्राहकों के लिए सालभर उपलब्ध रहता है। इसका कारण यह है कि सेबों पर विशेष परैत चढ़ाकर इन्हें कोल्ड स्टोरेज में रख दिया जाता है ताकि ये लंबे समय तक तरोताजा बने रहें।

हाल ही में एक स्टडी के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) और कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी (McMaster University) के रिसर्चर्स ने नॉर्थ इंडिया के इलाकों में ऐसे सेब के सेंपल लिए, जिन्हें बेचे जाने से पहले स्टोर किया गया था। इसमें चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। रिसर्चर्स के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब में 13 प्रतिशत पर कैंडिडा ऑरिस (Candida Auris) नमक फफूंद (Fungus) मिला है।

दरअसल सेब को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए फफूंदनाशक (Fungicide) का इस्तेमाल होता है। इससे ऐसे घातक बग (Bug) पनपने का मौका मिलता है, जिस पर कोई दवा भी असर नहीं करती। इस बग के संपर्क में आने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

केस स्टडी में ये हुआ खुलासा

रिसर्चर्स के अनुसार फफूंदनाशक अनजाने में कैंडिडा ऑरिस को फैलने में मददगार हो रहा है। रिसर्चर्स ने इस स्टडी के लिए नॉर्थ इंडिया के 62 सेब की सतहों को जांचा। इनमें से 42 सेब बाजार में बिकने वाले थे, जबकि 20 सीधे बैग से लिए गए थे। नतीजे बताते हैं कि 8 सेब पर कैंडिडा ऑरिस फंगस पाया गया। इनमें से 5 रेड डेलिशियस (Red Delicious) और 3 रॉयल गाला (Royal Gala) थे।

बाग के सेबों में नहीं मिला फंगस

रिसर्चर्स के अनुसार जो सेब बाग से लिए गए थे। उनमें से किसी में भी किसी तरह का फंगस नहीं मिला। फलों पर शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए उन पर फफूंदनाशक की परत चढ़ाई जाती है ताकि सभी प्रकार के खमीर (यीस्ट) खत्म हो जाएं लेकिन कैंडिडा ऑरिस पर ये बेअसर होता है।

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