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- सामाजिक कुरीतियों पर...
भागलपुर।सैंडिस कंपाउंड में चल रहे मंजूषा महोत्सव के छठे दिन गुरुवार को सांस्कृतिक संध्या सत्र में रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, कला सागर सांस्कृतिक संगठन एवं श्रीकृष्ण क्लब बरारी की ओर से दो नाटक- कथा एक गांव की और सती बिहुला का मंचन किया गया।
पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से नाट्य कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागियों ने 'कथा एक गांव की' नाटक का मंचन किया। नाटक में अंधविश्वास, बाल विवाह, बेमेल विवाह, बेरोजगारी एवं अन्य सामाजिक कुरीतियों पर चोट किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
नाटक में सूत्रधार की भूमिका में प्रीतम कुमार गुप्ता, अमन सागर, आनंद शेखर, हर्षवर्धन, आदित्य नंदा, प्रज्ञा भारती, सूरज कुमार, बृज भूषण कुमार, पूर्णेंदू, लखन बिहारी, डॉ. मनजीत कुमार सिंह, आशीष कुमार, अमृतानंद, अग्निहोत्री, पंकज कुमार आदि थे। प्रणव कुमार, मनोज कुमार, अंशु, प्रज्ञा, मदन कुमार, प्रकाश मंडल, रीना कुमारी, अनुराधा, स्विटी प्रिया आदि ने अपनी भूमिका से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।
नाटक के निर्देशक डॉ. किनवार ने बताया कि नाटक के सारे पात्र ग्रामीण परिवेश से संबद्ध हैं। अंधविश्वास पर चोट करने के लिए साथ ही सामाजिक कुरीतियों का समूल नाश के लिए इस नाटक को तैयार किया गया है। वहीं श्रीकृष्ण क्लब बरारी की ओर से अंग की लोकगाथा सती बिहुला-विषहरी पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन अजय अटल ने किया। नाटक में भगवान प्यासा ने चांदो सौदागर, भगवान शिव की अजय अटल, मनसा की शालू गणेशन, बिहुला की चारू शर्मा, बाला लखेंद्र की मनीष, नाग मणियार की कुंदन कुमार, विश्वकर्मा व इंद्र की ऋषभ सिन्हा, भगत की विनय एवं अनिल ठाकुर ने भूमिका निभायी। गायक गुरुदेव महलदा एवं देवन साह, वादक अनिल कुमार थे।