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रामपुर में बोले आजम खान- जो जुल्म हुआ वो भूल नहीं सकते
दो साल दो माह 24 दिन बाद जेल से रिहा हुए सपा के कद्दावर नेता और विधायक आजम खां शुक्रवार दोपहर करीब पौने दो बजे रामपुर पहुंचे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनका फूल बरसाकर स्वागत किया।
घर पहुंचकर आजम खां ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। इसके बाद उन्होंने बताया कि मेरी तबियत खराब है। तकलीफ भी बहुत है। हमारा मिशन कभी राजनीतिक नहीं रहा। 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया। हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं। हमारा बुनियादी मकसद था लोगों की सेवा करना। सबसे पहले मुझ पर आठ केस दर्ज किए गए। सभी मामलों में वादी पक्ष ने केस वापस ले लिए। हमने जो जमीन ली उसके पैसे दिए। मैंने कभी किसी की जमीन नहीं हड़पी।
रामपुर पहुंचने पर आजम खां ने कहा कि हमारे, हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। हमारे शहर को उजाड़ दिया गया। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा। मेरा वक्त फिर लौटकर आएगा। जेल में किस तरह उन्होंने समय बिताया इस बारे में भी लोगों को बताया। आजम ने कहा कि रात होती थी तो सुबह और सुबह होती थी तो रात का इंतजार करते थे। मुझे सजायाफ्ता कैदी की तरह जेल में रखा गया। इस दौरान उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया पर कहा कि सबसे ज्यादा जुल्म तो मेरे अपनों ने किए हैं। आजम का ये बयान सीधे तौर पर सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। आजम लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान लोगों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की।
आजम खां के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 89 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें जमानत होने में करीब सवा दो साल का समय लग गया। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट से शत्रु संपत्ति मामले में जमानत मिलने और गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से रामपुर पब्लिक स्कूल के मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम को ही रामपुर कोर्ट से आजम खां की रिहाई के परवाने सीतापुर जेल प्रशासन के लिए विशेष संदेशवाहक के जरिए भेज दिए गए थे।
जिसके बाद शुक्रवार सुबह आजम खां सीतापुर जेल से रिहा हो गए। इस दौरान उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे और आजम खां के रिहा होने के बाद उनके साथ रामपुर के लिए रवाना हुए।