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आज के भारत में ब्राह्मण होना 1930 के जर्मनी में यहूदी होने जैसा तकलीफदेह है : डॉ राजाराम त्रिपाठी

Shiv Kumar Mishra
6 May 2022 10:29 AM IST
आज के भारत में ब्राह्मण होना 1930 के जर्मनी में यहूदी होने जैसा तकलीफदेह है : डॉ राजाराम त्रिपाठी
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इस देश में आर्य बाहर से आए थे... यह है एक गढ़ा गया विनाशक ऐतिहासिक भद्दा झूठ

ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन एवं परशुराम सेवा समिति धमतरी के द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 बटुकों का निशुल्क रूप से उपनयन संस्कार तथा परशुराम जयंती का भव्य आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि , ब्राह्मणों के देश के सबसे बड़े संगठन "ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन" के राष्ट्रीय सलाहकार एवं "आयुर्वेद विश्व परिषद ( World Academy of Ayurved )" के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित विभिन्न राष्ट्रीय, प्रादेशिक संस्थानों तथा संगठनों के प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित करने वाले डॉ राजाराम त्रिपाठी थे, तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता धमतरी नगर के प्रथम नागरिक महापौर विजय देवांगन ने की। कार्यक्रम में सर्वप्रथम श्री श्री 1008 शंकराचार्य स्वामी प्रभानंद जी सरस्वती, संस्थापक "ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन", तथा वर्तमान पीठाधीश्वर आचार्य पंडित उदय मिश्रा का सादर पुण्य स्मरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रदेश संयोजक, व्यास पाठक, पूर्व अध्यक्ष कीर्ति भूषण पांडेय, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुदेश दीवान, प्रदेश महासचिव आचार्य रविंद्र शास्त्री, कोषाध्यक्ष दीपक मिश्रा, रायपुर जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश मिश्रा, शिवाकांत शुक्ला, धमतरी जिला अध्यक्ष अनिल तिवारी, संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी कमल नारायण तिवारी, धमतरी जिला महासचिव रामकुमार तिवारी, तहसील अध्यक्ष अशोक शास्त्री अन्य सक्रिय कार्यकर्ता आलोक दुबे, नरेश पांडे, विवेक शर्मा, दीप शर्मा, अनिल शर्मा, सुनील शर्मा एवं बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के परिवार जन उपस्थित रहे। साथ ही जय जय परशुराम के नारे से धमतरी नगर गूँजता रहा।


उक्त अवसर पर मुख्यअतिथि की आसंदी से विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ राजाराम त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के भारत में ब्राह्मण होना 1930 के जर्मनी में यहूदी होने जैसा है। यहूदी जर्मनी की आबादी का एक बहुत छोटा हिस्सा थे, फिर भी जर्मनी की लगभग सभी समस्याओं के लिए उन्हें बेवजह दोषी ठहराया गया था। पिछले कुछेक दशकों से, भारत में ब्राम्हण समुदाय को लेकर ऐसा ही जहरीला वातावरण तैयार किया जा रहा है। आर्य तथा ब्राह्मण इस देश के बाहर से आए हैं इससे बड़ा गढ़ा हुआ विनाशकारी ऐतिहासिक झूठ और कोई भी नहीं हो सकता। यह अवैज्ञानिक तथ्यहीन भ्रमजाल एक सुनिश्चित योजना तथा एजेंडे के तहत देश को कमजोर करने हेतु देश विरोधी,विभाजनकारी ताकतों के द्वारा जानबूझकर फैलाया गया। इतिहास इस बात का निष्पक्ष गवाह है कि इस देश तथा समाज के हर कालखंड में अन्य वर्गों की भांति ब्राह्मणों का योगदान भी अतुल्यनीय रहा है। आज देश में सामाजिक सौहार्द और समरसता की सबसे ज्यादा आवश्यकता है और इसके ब्राह्मण वर्ग को अपना अधिकतम योगदान देना चाहिए।


आज देश के ब्राह्मणों को एक होना बहुत जरूरी है। तभी हम सब मिलकर ब्राह्मण विरोधी, तथा देश विरोधी तत्वों का सामना कर पाएंगे,। विशेष अतिथि संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रदेश संयोजक व्यास पाठक एकता पर जोर देते हुए कहा की "संघे शक्ति कलियुगे" हमारे समाज को संगठित होकर रहना पड़ेगा तभी हम अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे।

संगठन के पूर्व अध्यक्ष कीर्ति भूषण पांडेय ने संगठन के द्वारा किए गए पूर्व के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए आज के आयोजन पर बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान किए। तद्पश्चात संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुदेश दीवान द्वारा सांगठनिक विषयों पर चर्चा की गई अंत में संगठन के प्रदेश महासचिव आचार्य रविंद्र शास्त्री द्वारा उपनयन संस्कार के बारे में जानकारी देते हुए बटुकों को एवं ब्राह्मण समाज को ज्ञान प्रदान करते हुए। जय जय परशुराम का उदघोष करते हुए उक्त कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया।


डॉ राजाराम त्रिपाठी

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