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मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, 100 सैनिक स्कूलों का होगा निर्माण
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत पर गर्व करने तथा चरित्र के साथ प्रभावी नेतृत्व, अनुशासन, राष्ट्रीय कर्तव्य और देशभक्ति की भावना को विकसित करने के लिए बच्चों को सक्षम बनाने वाली मूल्य आधारित शिक्षा पर और बल देने का निर्णय लिया है । सैनिक स्कूलों के मौजूदा पैटर्न में प्रतिमान विस्थापन करते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 12 अक्तूबर 2021 को आयोजित हुई बैठक में सैनिक स्कूल सोसाइटी, रक्षा मंत्रालय के साथ सम्बद्ध होने वाले विद्यालयों को लांच करने संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित किया है । ये विद्यालय विशिष्ट स्तंभ के रूप में कार्य करेंगे जो रक्षा मंत्रालय के मौजूदा सैनिक स्कूलों से विशिष्ट और भिन्न होंगे । प्रथम चरण में 100 सम्बद्ध होने वाले भागीदारों को राज्यों/एनजीओ/निजी भागीदारों से लिया जाना प्रस्तावित है ।
सैनिक स्कूलों ने आकांक्षी माता-पिता और बच्चों की पहुंच के भीतर न केवल मूल्य आधारित उत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की है अपितु सैन्य नेतृत्व, प्रशासनिक सेवाओं, न्यायिक सेवाओं तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं उद्यमिता जैसे जीवन के अन्य क्षेत्रों में साधारण पृष्ठभूमि से उच्चतम सोपानकों पर पहुंचते हुए विद्यार्थियों का गौरवशाली इतिहास भी प्रस्तुत किया है । इन कारकों की वजह से और अधिक संख्या में नए सैनिक स्कूल खोलने की मांग हमेशा बढ़ती रही है ।
देशभर में फैले 33 सैनिक स्कूलों के प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने के लिए 100 नए संबद्ध सैनिक स्कूलों की स्थापना का निर्णय लिया गया है जिसमें सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध होने के लिए आवेदन हेतु सरकारी/निजी स्कूलों/एनजीओ से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। इच्छुक पक्ष https://sainikschool.ncog.gov.in की यूआरएल पर अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं जहां योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं और अर्हक पात्रता, हितधारकों अर्थात रक्षा मंत्रालय और स्कूल प्रबंधन के उत्तरादायित्व सूचीबद्ध हैं ।
इस योजना से शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक/निजी सहभागिता को बल मिलेगा जिससे प्रतिष्ठित निजी और सरकारी स्कूलों में उपलब्ध मौजूदा अवसंरचना का लाभ उठाने में मद्द मिलेगी और सैनिक स्कूल परिवेश में शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक बच्चों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई क्षमताओं का विकास होगा ।
अकादमिक वर्ष 2022-23 की शुरुआत से तकरीबन 5,000 छात्रों के कक्षा-VI में ऐसे 100 संबद्ध स्कूलों में प्रवेश लेने की उम्मीद है । वर्तमान में मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों में कक्षा-VI में तकरीबन 3,000 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है ।
क्या होगा विशेष लाभ
यह माना जाता है कि पाठ्यक्रम सहित नियमित बोर्ड के साथ सैनिक स्कूल शिक्षा प्रणाली के एकीकरण से अकादमिक रूप से मजबूत, शारीरिक रूप से तंदरूस्त, सांस्कृतिक रूप से जागरूक, बौद्धिक रूप से निपुण, कौशल संपन्न युवा और योग्य नागरिकों को तैयार किया जा सकता है। ऐसी कल्पना की जाती है कि इन स्कूलों के छात्र आवश्यक जीवन कौशलों से लैस होंगे जिससे वे अपने चयनित क्षेत्रों में उम्दा प्रदर्शन करेंगे । इस प्रकार इस प्रस्ताव का लक्ष्य राष्ट्रीय उद्देश्यों को सर्वोच्च वरीयता देने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए नेतृत्व गुणों के साथ आत्मविश्वासयुक्त, उच्च कौशलयुक्त, बहु-आयामी, देशभक्त युवा समुदाय तैयार करना है ।