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Big disclosure : रिमांड होम से ग्राहक के पसंद के अनुसार लड़कियों को एक राज्य से दूसरे राज्यों में भेजा जाता है
संतोष कुमार सिंह
रविवार की शाम जदयू से जुड़ी एक नेत्री का फोन आया संतोष भैया गायघाट रिमांड होम को लेकर एक खबर आ रही है जरा देखिए ना एक लिंक भेजे हैं । कोई तीन चार घंटा पहले ही किसी ने इस खबर के बारे में विस्तृत रुप से मुझसे चर्चा किया था इसी दौरान बहुत सारी बाते समझ में आ गयी थी बातचीत चल ही रही थी तो पता चला महिलाओं का एक संगठन एसएसपी से मिला कर इसकी शिकायत भी कर दी है ,साथ ही समाज कल्याण विभाग के सीनियर अधिकारी तक ये बात पहुंचा दी गयी है।
एसएसपी पीड़िता को महिला थाना भेज दिया है और थाना प्रभारी को जांच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है ।वही कल इस मामले में समाज कल्याण विभाग और पटना जिला प्रशासन द्वारा भी एक जांच टीम गठित कि गयी है वो टीम लड़की के आरोप में कितना दम इसकी जांच करेगी हालांकि वह जांच कमिटी लड़की के आरोप को खारिज कर दिया है ऐसी जानकारी मुझे मिल रही है।
लड़की के पीछे कौन खड़ी है उसका उदेश्य क्या है उस पर जितना सवाल करना है कर सकते हैं लेकिन जहां तक गायघाट रिमांड होम का सवाल है तो लड़की जो बयान दे रही है उसे सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है ।
कोई छह सात वर्ष पहले की बात है मुझे यह जानकारी मिली कि गायघाट रिमांड होम में रात के समय बड़ी बड़ी गाड़ियां आती जाती रहती है एक दिन तय हुआ रात में स्टिंग किया जाये इसी कड़ी में मुझे पता चला है कि महिला रिमांड होम में हो क्या रहा है ।
संयोग से उस समाज कल्याण विभाग में एक बेहद संवेदनशील अधिकारी पोस्टेंड थे उनसे हमारी मुलाकात 26 जनवरी के कार्यक्रम के दौरान राजभवन में हो गयी हालांकि तीन चार रात कोशिश करने के बावजूद मेरी स्टोरी एस्टेब्लिश नहीं हो पा रही थी इसलिए खबर नहीं चला पा रहे थे ।
लेकिन जो थोड़ी सी भी जानकारी मेरे पास थी वो मैं उस अधिकारी को बता दिया उन्होंने एक सप्ताह का समय मुझसे मांगा और उसके एक माह के अंदर उक्त अधिकारी ने गायघाट रिमांड होम में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया और वहां पोस्टेंड अधिकांश कर्मियों के हटा दिया गया कई पर एक्शन भी लिया।
हुआ ऐसा कि उक्त अधिकारी ने एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के साथ साथ समाज कल्याण विभाग से जुड़ी यंग महिला पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच कमिटी गठित कर दिया था दो दिनों तक दिन दिन भर जांच चलती रही लेकिन रिमांड होम के कर्मी और रिमांड होम में ही रहने वाले कुछ लड़कियों ऐसा माहौल बना दी थी कि जांच टीम की कोशिश के बावजूद भी लड़कियां जुबान नहीं खोल रही थी जांच टीम निराश होकर लौट गयी जांच टीम को भी लड़कियों से बातचीत के दौरान कुछ लग रहा था लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला। शाम को उस आईएएस अधिकारी का फोन आया संतोष जी वहां ऐसा कुछ भी नहीं था सब ठीक ठाक चल रहा है ।
मुझे जो सूचना दे रही थी उसको कांल किये तो वो बोली लड़की वैसे मुंह नहीं खोलेगी जांच टीम को कहिए उसका अलमीरा और बक्सा में रखे कपड़ा को चेक करे सब पता चल जाएगा ।मैंने तुरंत उक्त अधिकारी को फोन करके कहा जानकारी पक्की है लड़की का कपड़ा चेक करवाईए सब पता चल जायेगा तीन चार दिन बाद जांच टीम अचानक रिमांड होम पहुंची और लड़कियों का अलमारी और बक्सा चेक करना शुरू कर दी ।
मुझे जो सूचना दे रही है उसने जो जानकारी दी थी वो सही साबित हुई लड़कियों के पास से बहुत ही मंहगी मंहगी ब्रा,अंडर गारमेंट्स और परफ्यूम मिला और फिर जो तथ्य सामने आया आप कल्पना में भी नहीं सोच सकते हैं । वैसे यही से मुझे बिहार के महिला रिमांड होम में क्या क्या होता है यह जानकारी मिल गयी थी साथ ही इसके पीछे कितना बड़ा Nexus काम कर रहा है इसकी भी जानकारी मिल गयी थी ।
ऐसा नहीं है कि मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले में एक्शन होने के बाद यह खेल बंद हो गया है बल्कि अब तो खेल और भी बड़े स्तर पर चल रहा है पहले रिमांड होम में मानसिक रूप से कमजोर ,परिवार द्वारा तिरस्कृत लड़किया रहा करती थी लेकिन हाल के दिनों में प्रेम विवाह मामले में नाबालिग लड़कियां बहुत ज्यादा रिमांड होम में आने लगी है जिसमें लड़का जेल चला जाता है और लड़की अपने माँ बाप के पास नहीं जाना चाहती है उसको कोर्ट महिला रिमांड होम भेज देती है।
इस तरह की लड़कियां जिस तरह के खेल में शामिल है कह नहीं सकते ये लड़कियां किसी तरह से अपने प्रेमी को जेल से बाहर निकलवाना चाहती है, उसके साथ रहना चाहती है ,इसका लाभ रिमांड होम और उससे जुड़ा सिडिकेंड संस्थागत रुर से उठा रहा है ।रिमांड होम से लेकर कोर्ट परिसर तक इस सिडिकेंड का तार जुड़ा हुआ है जिसके सहारे बड़े स्तर पर यह खेल चल रहा है।
बिहार में एक बड़ा बाजार खड़ा हो गया है और इस खेल में बड़े बड़े लोग शामिल है और इस तरह की लड़कियों की बोली भी अच्छी लगती है गायघाट रिमांड होम में ही इस समय पांच सौ से अधिक लड़कियां हैं जिसमें से तीन सौ से अधिक लड़कियाँ प्रेम विवाह से जुड़े मामले में रिमांड होम में रह रही है।
ऐसे में इस तरह के खेल पर ब्रेक लगाना है तो बड़े स्तर पर काम करने कि जरूरत है जिसमें सरकार के साथ साथ महिला और लड़कियों पर काम करने वाली संस्था को जोड़ा जाना चाहिए क्यों कि सरकार और न्यायालय स्तर पर जो हो सकता है उसका प्रावधान जरुर है जैसे इस तरह के होम का अभिभावक कोर्ट है और इसी जिम्मेवारी के तहत जज इस तरह के रिमांड होम का भिजिट भी करते हैं लेकिन यह सब बस एक प्रक्रिया के तहत होता है जिसके सहारे इस तरह के खेल को रोका नहीं जा सकता है ।आप जानकर हैरान रह जायेंगे कि देश में इस तरह की जितनी भी महिला रिमांड होम है उसका आपस में तार जुड़ा हुआ है और अब लड़कियों का भी आदान प्रदान होता है ये तो एक अलग तरह का खेल है ठीक से जांच हो जाये तो पूरी व्यवस्था हिल जायेंगी
वैसे गायघाट रिमांड होम में जिस स्तर पर खेल चल रहा है ऐसे में उक्त लड़की के बयान को खारिज कर देना किसी बड़े सच को छुपाने जैसा ही है इसलिए इसकी समग्रता में जांच होना चाहिए ।