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लखीमपुर केस में बड़ा खुलासा : आशीष और अंकित की गन से चली थीं गोलियां
लखीमपुर हिंसा मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के खुलासे से हड़कंप मच गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और उसके करीबी अंकित दास के लाइसेंसी असलहे की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है। साफ है कि तिकुनिया में हिंसा के दौरान लाइसेंसी असलहे से फायरिंग भी की गई थी। इस खुलासे के बाद विपक्ष ने प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री से इस्तीफे और अपराध छिपाने की कोशिश करने के लिए प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।
लखीमपुर हिंसा मामले में किसानों ने पुलिस अधिकारियों के सामने फायरिंग करने का मामला उठाया था। सियासी दलों द्वारा मामले पर सरकार को घेरने के बाद इसकी जांच के लिए लखीमपुर पुलिस ने अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को जब्त किया था और चारों असलहों की एफएसएल रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है। एफएसएल रिपोर्ट में साफ हो गया है कि आशीष मिश्रा के लाइसेंसी असलहे से फायरिंग की गई थी, लेकिन अभी साफ नहीं हो पाया है कि फायरिंग राइफल से हुई थी या रिवॉल्वर से। फिलहाल फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद अब आशीष मिश्रा और अंकित दास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं। वहीं किसानों को कुचलने के इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान साफ-साफ कहा है कि उसे मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम पर भरोसा नहीं है इसलिए जांच की निगरानी के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्तिजरूरी है। साथ ही कहा था कि जांच दल खास आरोपी के बचाव में सबूत जुटा रहा है।
सपा एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि किसान शुरू से कह रहे थे कि एक किसान की मौत गोली लगने से हुई है लेकिन सरकार मामले की लीपापोती करने और मंत्री के बेटे को बचाने में अभी भी जुटी है। सुप्रीम कोर्ट भी आरोपियों को बचाने की कोशिश पर सवाल उठा चुका है। किसानों की हत्याओं पर सरकार को जवाब देना चाहिए।
कांगेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि कांग्रेस शुरू से इस मामले में आशीष मिश्रा को दोषी बता रही है लेकिन प्रदेश सरकार उसे बचाने की जीतोड़ कोशिश करती रही। अब लैब की रिपोर्ट से भी पता चला है कि किसानों पर गोली चलायी गयी थी। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में न्याय की उम्मीद है।
आप प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा कि हजारों प्रत्यक्षदर्शियों के बीच अंजाम दिए गए इस वीभत्स हत्याकांड में पहले दिन से ही भाजपा नेता के बेटे का हाथ स्पष्ट था लेकिन यूपी सरकार की पूरी मशीनरी ने हत्यारों को बचाने को जीजान एक कर दिया । फोरेंसिक जांच से अब ये सबूत के साथ स्पष्ट हो गया है कि हत्या किसने की थी। अब तत्काल इस पर कार्रवाई करते हुए हत्यारों को अंजाम तक पहुंचाया जाना चाहिए ।
आरएलडी टीम के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या की गंभीर धाराओं पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। साथ ही केंद्रीय गृहराज्य मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। अपराध को छिपाने के लिए प्रदेश सरकार को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए।